Kisan Andolan 2.0: पंजाब में किसान आंदोलन 2.0 एक बार फिर उग्र हो गया है। पंजाब पुलिस ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कई प्रमुख किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया है, जिनमें सरवन सिंह पंढेर, सुखविंदर कौर, अभिमन्यु कोहाड़, जगजीत सिंह डल्लेवाल, मनजीत राय और काका सिंह कोटड़ा शामिल हैं। इन नेताओं को जीरकपुर में हिरासत में लिया गया, जबकि वे केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बाद आंदोलन स्थल की ओर लौट रहे थे। किसानों में इस बात की चिंता है कि पुलिस शंभू और खन्नौरी बॉर्डर पर चल रहे धरने को खत्म कर सकती है और करीब एक साल से बंद पड़े बॉर्डरों को जबरन खुलवा सकती है।
- विज्ञापन -Punjab Police has detained farmer leaders Sarvan Singh Pandher, Jagjit Singh Dallewal and other farmer leaders as they were leaving today's meeting with Union Cabinet ministers farmers demand of MSP Guarantee Law. pic.twitter.com/3kTkvyBQAh
— Ramandeep Singh Mann (@ramanmann1974) March 19, 2025
गिरफ्तारी से पहले, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल और किसान संगठनों के बीच करीब 4 घंटे लंबी बैठक हुई। इस बैठक में उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल थे। पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्यिां ने बैठक में भाग लिया। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि चर्चा सकारात्मक रही और 4 मई को अगली बैठक होगी।
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बैठक के दौरान केंद्र ने Kisan Andolan 2.0 किसानों को आश्वासन दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने की मांग पर बातचीत से पहले वह इस मामले से जुड़े सभी पक्षों, जैसे कंज्यूमर, व्यापारी, आढ़ती और अन्य वर्गों के साथ चर्चा करेगा। हालांकि, इस आश्वासन से किसानों में संतुष्टि नहीं दिखी, और उनकी प्रमुख मांगें जस की तस बनी रहीं।
किसानों की मांगों में MSP की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी न करना, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली और पिछले आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा शामिल है।
Kisan Andolan 2.0 नेताओं ने किसानों से भारी संख्या में शंभू और खन्नौरी बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की है। वहीं, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पुलिस कार्रवाई की कोई योजना नहीं है। लेकिन नेताओं की गिरफ्तारी से आंदोलन में तनाव बढ़ गया है।
किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा। उनके अनुसार, यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी सभी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती।