KGMU prisoner absconded: लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) से एक कैदी के फरार होने की घटना ने उत्तर प्रदेश की जेल और पुलिस सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। फरार हुआ कैदी बॉबी, जो कि पीलीभीत जेल में हत्या के मामले में बंद था, इलाज के लिए पुलिस निगरानी में लखनऊ लाया गया था। लेकिन सोमवार को वह बाथरूम जाने के बहाने वार्ड से निकला और वापस नहीं लौटा।
जानकारी के अनुसार, बॉबी पीलीभीत जिले के न्यूरिया थाना क्षेत्र के बिथरा गांव का निवासी है। हत्या के एक मामले में 15 मार्च को उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा गया था। 12 जून को उसकी तबीयत बिगड़ने पर पहले उसे जेल अस्पताल में भर्ती किया गया और फिर पीलीभीत जिला अस्पताल रेफर किया गया। वहां से भी राहत न मिलने पर डॉक्टरों ने उसे लखनऊ के KGMU अस्पताल के लिए रेफर किया, जहां वह इलाज के लिए भर्ती हुआ।
बॉबी पर लगातार निगरानी रखने के लिए जेल पुलिस के जवान तैनात थे। लेकिन सोमवार सुबह वह बाथरूम जाने के नाम पर निकला और मौका देखकर फरार हो गया। जब काफी देर तक वह नहीं लौटा तो पुलिसकर्मियों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। बाद में सीसीटीवी फुटेज में उसे अस्पताल परिसर से बाहर जाते हुए देखा गया।
इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। लखनऊ पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और पीलीभीत जेल प्रशासन की तहरीर पर चौक कोतवाली में केस दर्ज किया गया। पुलिसकर्मियों की लापरवाही के चलते उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
फरारी के बाद पुलिस ने इलाके में नाकेबंदी कर सघन तलाशी अभियान चलाया है। साथ ही आरोपी की तलाश के लिए तकनीकी सर्विलांस और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या कैदी की फरारी में किसी अस्पताल स्टाफ या पुलिसकर्मी की मिलीभगत है।
यह KGMU घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पुलिस कस्टडी में भी अपराधी कैसे चकमा देकर भाग निकलते हैं।