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Jaunpur में दरोगा की धमकी: “नाती मिला तो एनकाउंटर कर दूंगा”, बुजुर्ग महिला गिड़गिड़ाती रही, वीडियो वायरल, निलंबन

Jaunpur

Jaunpur Police Fake Encounter: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के कोठवार गांव में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला, कलावती देवी, को स्थानीय दरोगा मंशाराम गुप्ता द्वारा खुलेआम धमकाया गया। आरोप है कि दरोगा ने कहा, “अगर तुम्हारा नाती विशाल यादव मुझे मिला तो मैं उसका एनकाउंटर कर दूंगा।” यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, प्रशासन हरकत में आया। पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ ने दरोगा को तत्काल निलंबित कर दिया और विभागीय जांच शुरू करा दी है।

पुराना ज़मीनी विवाद, बढ़ती पुलिसिया ज़्यादती

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घटना 16 जून की है जब राजस्व विभाग की टीम के साथ दरोगा कोठवार गांव पहुंचा। यहां विशाल यादव और रीता यादव के बीच ज़मीन से जुड़ा विवाद लंबे समय से अदालत में चल रहा है। विशाल के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है और उसकी देखभाल उसकी नानी कलावती देवी करती हैं। जब महिला ने कथित रूप से अवैध निर्माण का विरोध किया, तो दरोगा ने न सिर्फ बदतमीजी की बल्कि नाती के एनकाउंटर की धमकी भी दी। वीडियो में महिला रोती हुई नज़र आती हैं और दरोगा के पैर छूती हैं, लेकिन वह उसे डांटकर भगा देता है।

वीडियो वायरल, जनता का गुस्सा फूटा

घटना का वीडियो एक ग्रामीण ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया। वीडियो में दरोगा की भाषा, व्यवहार और बुजुर्ग महिला के प्रति निर्दयता ने लोगों को झकझोर दिया। सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। एक यूज़र ने लिखा, “जब हम एनकाउंटर को सेलिब्रेट करेंगे, तो पुलिस यही करेगी।” यह घटना पुलिस के “बेलगाम रवैये” और “एनकाउंटर संस्कृति” की खतरनाक मानसिकता को उजागर करती है।

यूपी पुलिस का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश में यह कोई नई घटना नहीं है। बीते वर्षों में पुलिस की कठोरता और “एनकाउंटर मॉडल” पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। 2017 से 2018 के बीच राज्य में 1,500 से ज्यादा एनकाउंटर हुए थे। रिपोर्टों के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा कथित फेक एनकाउंटर यूपी से ही सामने आए। इसी जौनपुर जिले में अप्रैल 2025 में भी एक दरोगा का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह युवक को खंभे से बांधकर पीटता दिखा। इन घटनाओं से आम नागरिकों में पुलिस के प्रति डर और अविश्वास गहराता जा रहा है।

Jaunpur  पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल

घटना का वीडियो सामने आने के बाद Jaunpur एसपी डॉ. कौस्तुभ ने दरोगा को निलंबित किया और जांच की ज़िम्मेदारी एएसपी आतिश कुमार सिंह को दी गई है। हालांकि, कई जानकारों का मानना है कि यह कार्रवाई सिर्फ दिखावे की हो सकती है। जब तक ऐसे मामलों में कड़ी सज़ा नहीं दी जाती, तब तक पुलिस की कार्यशैली में बदलाव संभव नहीं है। केवल निलंबन से न तो जनता का भरोसा लौटेगा, न ही पुलिस की छवि सुधरेगी।

समाज और पुलिस के रिश्ते पर असर

इस घटना ने फिर दिखाया कि जब पुलिस ही कानून तोड़ने लगे तो आम आदमी किससे उम्मीद करे? बुजुर्ग महिला का दरोगा के पैरों में गिरना और दरोगा का क्रूर जवाब, यह संकेत है कि सिस्टम में संवेदनशीलता की कितनी कमी है। विशेषज्ञों का मानना है कि “तुरंत न्याय” देने की जो सोच बनाई गई है, उसने पुलिस को मनमानी की खुली छूट दे दी है।

Jaunpur की इस शर्मनाक घटना ने पुलिस की “माफिया स्टाइल” कार्यशैली पर फिर से रोशनी डाली है। जब वर्दीधारी अफसर खुलेआम एनकाउंटर की धमकी दें और बुजुर्ग महिला की विनती को भी ठुकरा दें, तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बन जाता है। सरकार को न सिर्फ त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि ऐसी मानसिकता को जड़ से खत्म करने के लिए व्यापक सुधार भी करने होंगे। वरना, पुलिस रक्षक नहीं बल्कि भक्षक बनती चली जाएगी।

 

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