Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में सोमवार को पुलिस मुठभेड़ (एनकाउंटर) में मारे गए हिस्ट्रीशीटर शहजाद की मौत पर उसके ही पिता रहीसुद्दीन ने राहत जताई है और उसका शव लेने से साफ इनकार कर दिया। शहजाद, जो बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसे संगीन अपराधों का आरोपी था, अपने परिवार के लिए भी आतंक का पर्याय था।
परिवार के लिए खौफ
शहजाद के पिता रहीसुद्दीन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनका बेटा पिछले 10 साल से अपराध कर रहा था और काफी खूंखार था। वह अपने पिता और अन्य परिजनों को भी पिस्टल दिखाकर हत्या करने की धमकी देता था। रहीसुद्दीन ने याद करते हुए बताया कि एक बार शहजाद ने उन्हें चारा काटने की मशीन पर फेंक दिया था। शहजाद की आपराधिक गतिविधियों और धमकियों से उसका पूरा परिवार पिछले 10 महीनों से त्रस्त था। यही कारण है कि सोमवार सुबह जब उन्हें शहजाद के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर मिली, तो किसी के चेहरे पर शिकन तक नहीं आई।
शव लेने से किया इनकार
Meerut पुलिस ने शव की शिनाख्त के लिए जब रहीसुद्दीन को मोर्चरी बुलाया, तो उन्होंने शव ले जाने से साफ इनकार कर दिया। रहीसुद्दीन ने कहा कि पुलिस ही उसे लावारिस मानकर दफन कराए। उन्होंने बेधड़क होकर कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि शहजाद एनकाउंटर में मारा गया। आज उसकी रार कट गई। मैं और मेरा पूरा परिवार शहजाद से परेशान था। मैं दिल से खुश हूं।” हालांकि, बाद में पुलिस के समझाने-बुझाने पर रहीसुद्दीन और रिश्तेदारों को शव सौंपा गया और उसका दफीना गांव में ही कराया गया।
संगीन वारदातों का आरोपी
बहसूमा के मोहम्मदपुर शकिस्त गांव का निवासी शहजाद थाने का हिस्ट्रीशीटर था। पुलिस के मुताबिक, इसी साल जनवरी में शहजाद ने एक साथी के साथ मिलकर सात साल की बच्ची से गैंगरेप किया था। वह पहले भी एक बच्ची से रेप के आरोप में पांच साल जेल काट चुका था। पिछले नौ महीने से वह गैंगरेप के मुकदमे में फरार चल रहा था और उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। शनिवार रात को उसने पीड़िता के परिजनों को डराने के लिए उनके घर पर फायरिंग भी की थी। इसके बाद Meerut पुलिस की स्वाट टीम ने उसे घेर लिया। सोमवार अलसुबह सरधना-बिनौली रोड पर हुई मुठभेड़ में शहजाद ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी और वह मारा गया।