रिहा हुए किसानों के स्वागत के बाद, किसानों के बीच एक नई रणनीति की चर्चा होने लगी। सूत्रों के अनुसार, किसान अब जल्द ही अपनी अगली योजना तैयार कर सकते हैं, जिससे सरकार पर और ज्यादा दबाव डाला जा सके। उनकी एकजुटता और संघर्ष ने नए उत्साह को जन्म दिया है, और अब किसान नेता नए आंदोलनों की ओर कदम बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
किसान नेता सुखबीर खलीफा की रिहाई पर उलझनें
हालांकि, इस जोश और खुशी के बीच एक चिंता की बात भी सामने आई है। किसान नेता सुखबीर खलीफा अभी भी जेल में बंद हैं और उनकी रिहाई में देरी हो रही है। किसान समुदाय इस देरी से नाराज दिखाई दे रहा है, और शाम तक उन्हें रिहा करने की उम्मीद जताई जा रही है। उनका मानना है कि सुखबीर खलीफा की रिहाई के बाद आंदोलन में और मजबूती आएगी।
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हालांकि, रिहाई के बाद खुशी का माहौल है, लेकिन किसान नेता सुखबीर खलीफा की जेल में बंदी की स्थिति ने किसानों में नाराजगी पैदा कर दी है। उनका कहना है कि जब तक सभी नेता एक साथ रिहा नहीं होते, तब तक उनकी संघर्ष की लहर नहीं थमेगी।
आगे क्या होगा?
किसान नेताओं के अगले कदम पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि किसान जल्द ही अपनी अगली रणनीति के तहत आंदोलन को और तेज करेंगे। इस बार, उनकी रणनीति में ज्यादा स्थानीय और राजनीतिक दबाव डालने की संभावना जताई जा रही है।