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लखनऊ में PDA Pathshala को लेकर विवाद, सपा नेता पूजा शुक्ला पर एफआईआर, स्कूल खोलने पर बवाल

PDA Pathshala

PDA Pathshala: उत्तर प्रदेश में इन दिनों समाजवादी पार्टी की ‘PDA Pathshala’ सुर्खियों में है। यह अभियान योगी सरकार द्वारा राज्यभर में सरकारी स्कूलों के मर्जर के फैसले के विरोध में शुरू किया गया है। इसी कड़ी में लखनऊ की सक्रिय सपा नेता पूजा शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि उन्होंने जबरन एक बंद सरकारी स्कूल का ताला तोड़कर वहां शिक्षा कार्य शुरू किया और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया।

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, उमरभारी स्थित जिस प्राथमिक विद्यालय में पूजा शुक्ला ने कक्षाएं चलाईं, वह पहले ही बढ़ौली विद्यालय में मर्ज हो चुका था और 1 जुलाई 2025 से बंद घोषित किया गया था। लेकिन 31 जुलाई को कथित रूप से बिना किसी सरकारी अनुमति के ताला तोड़कर स्कूल परिसर में कक्षाएं चलाई गईं। इस मामले में स्कूल के प्रधानाध्यापक आशुतोष मिश्रा ने सैरपुर थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई।

एफआईआर में कहा गया है कि स्कूल के कमरे, फर्नीचर और संसाधनों का अवैध रूप से उपयोग किया गया, जो स्पष्ट रूप से सरकारी नियमों का उल्लंघन है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो को भी इस कार्रवाई का आधार बनाया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा नेता पूजा शुक्ला ने कहा कि सरकार बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है और PDA Pathshala एक सकारात्मक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य बंद स्कूलों के खिलाफ आवाज़ उठाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार राजनीतिक दुर्भावना के चलते समाजवादी नेताओं पर मुकदमे दर्ज करा रही है। पूजा शुक्ला ने यह भी कहा कि उनका यह अभियान न रुकने वाला है और शिक्षा के अधिकार की लड़ाई जारी रहेगी।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने भी पार्टी के रुख को दोहराते हुए कहा कि पीडीए पाठशाला बच्चों को शिक्षित करने और सरकार की विफल शिक्षा नीति के खिलाफ जनजागरूकता फैलाने का प्रयास है।

वहीं, सैरपुर थाना प्रभारी ने पुष्टि की कि शिकायत और वीडियो के आधार पर मामला दर्ज किया गया है और गहन जांच की जा रही है। मामले में आगे की कार्रवाई साक्ष्यों के आधार पर की जाएगी। इस घटनाक्रम ने यूपी की शिक्षा नीति और राजनीतिक तनाव को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।

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