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सरकार की ये योजना खोल सकती है रोजगार का रास्ता: 10 लाख तक सब्सिडी का लाभ उठाएं

PMFME

PMFME Scheme: खाद्य उद्योग में कारोबार शुरू करने वालों के लिए सरकार लाई है बड़ी राहत। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग योजना के तहत मिल रही है 10 लाख तक की सब्सिडी और विशेष वर्गों को आवेदन में छूट। जानिए इसका पूरा तरीका।

अब खाद्य उद्योग में रोजगार का सुनहरा अवसर

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अगर आप आटा चक्की, बेकरी, मसाले, पापड़, अचार या दूध से जुड़े उत्पाद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) आपके लिए फायदेमंद है। इस योजना का मकसद युवाओं, किसानों और महिला उद्यमियों को रोजगार के अवसर देना है।

सरकार इस योजना के तहत पात्र लोगों को 35% तक की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी देती है, जिसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये तय की गई है। यह सुविधा उन उद्यमियों के लिए है जो खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाना चाहते हैं। उद्यान विभाग की मदद से यूपी जैसे राज्यों में योजना का व्यापक लाभ मिल रहा है।

कैसे मिलेगा आवेदन का मौका?

फर्रुखाबाद के जिला उद्यान अधिकारी राघवेंद्र सिंह के अनुसार इच्छुक व्यक्ति https://pmfme.mofpi.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकता है। परियोजना की कुल लागत का 10% लाभार्थी को स्वयं निवेश करना होता है।

इस योजना में व्यक्तिगत प्रोपराइटर, साझेदारी फर्म, एफपीओ, एनजीओ, एसएचजी या प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां भी आवेदन कर सकती हैं। तकनीकी निर्माण कार्य और मशीनरी पर खर्च परियोजना लागत का 30% से अधिक नहीं होना चाहिए।

इन वर्गों को मिलेगा विशेष लाभ

महिला, दिव्यांग, अनुसूचित जाति-जनजाति, भूतपूर्व सैनिक, आकांक्षी जिले, पूर्वोत्तर राज्य, हिमालय क्षेत्र और दीप समूह के लोग अगर आवेदन करते हैं तो उन्हें प्रमाण पत्र के साथ आवेदन शुल्क में छूट मिलती है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि एक बार श्रेणी चुनने के बाद उसमें बदलाव संभव नहीं है।

इन योजनाओं का भी ले सकते हैं लाभ:

  1. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग योजना (PMFME)
  2. प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)
  3. एक जिला एक उत्पाद योजना (ODOP)
  4. राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM)
  5. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
  6. स्टैंड अप इंडिया योजना

खाद्य उद्योग में स्वरोजगार की दिशा में यह योजना बड़ी भूमिका निभा रही है। सरकार की मदद से अब ग्रामीण युवा और किसान अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

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