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UP की सड़क क्रांति: लखनऊ-प्रयागराज में बन रहीं अत्याधुनिक परियोजनाएं

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UP road development: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में सड़क और पुल निर्माण के जरिए यातायात व्यवस्था को नया आकार देने में जुटी है। लखनऊ और प्रयागराज में बन रही दो अहम परियोजनाएं—ग्रीन कॉरिडोर और फोरलेन पुल—प्रदेश के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।

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लखनऊ में लखनऊ विकास प्राधिकरण UP के नेतृत्व में ग्रीन कॉरिडोर परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। इस परियोजना के तहत तीन नए पुल, दो बांध और एक फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का लगभग 55 फीसदी काम पूरा हो चुका है, जबकि हनुमान सेतु से समता मूलक चौराहे तक के हिस्से में 75 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। जुलाई से इस रूट पर गाड़ियों की आवाजाही शुरू होने की उम्मीद है।

सूरजकुंड पार्क के सामने गोमती नदी पर बन रहा पुल इस परियोजना की मुख्य धुरी है। यहां नदी के भीतर बन रहे पिलरों को एक-दूसरे से जोड़ा जा रहा है, जिससे जल्द ही पूरे पुल का ढांचा खड़ा हो सकेगा। मनकामेश्वर मंदिर की ओर के कुछ पिलर अभी निर्माणाधीन हैं। यह पुल आईआईएम रोड से आने-जाने वालों को सीधा समता मूलक चौराहे तक पहुंचने में मदद करेगा।

उधर, मेहंदीघाट पर भी सेतु निगम द्वारा दो नए पुलों का निर्माण किया जा रहा है। खदरा और मेहंदीघाट पर बन रहे ये पुल पुराने पुलों के पास तैयार किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी राहत मिलने की संभावना है। हनुमान सेतु से निशातगंज तक फोरलेन सड़क का निर्माण भी जारी है, जो जुलाई तक पूरा हो जाएगा।

वहीं प्रयागराज में झूसी के शास्त्री ब्रिज के पास 2300 मीटर लंबा और 850 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन पुल बनने जा रहा है। महाकुंभ 2025 में भारी भीड़ और जाम को देखते हुए इस पुल का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस पुल से वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर और गोरखपुर जैसे शहरों से आने-जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

इन परियोजनाओं से UP की सड़कों की तस्वीर बदलेगी और लोगों को जाम और ट्रैफिक की समस्याओं से काफी राहत मिलेगी। सड़क नेटवर्क का विस्तार राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी रफ्तार देगा।

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