Prashant Kishor News: बिहार में बीपीएससी छात्रों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर का आंदोलन दिन-ब-दिन अधिक चर्चा में आ रहा है। गिरफ्तारी के बाद भी पीके अपनी स्थिति पर अडिग हैं और जेल में रहकर भी अपना अनशन जारी रखने की बात कह रहे हैं। जब उन्हें सशर्त जमानत दी गई, तो उन्होंने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर युवाओं के हक में आवाज उठाना गुनाह है, तो वह जेल में रहकर भी संघर्ष जारी रखेंगे। उनका यह बयान छात्र आंदोलन को नई ऊर्जा दे रहा है और यह उनके सामाजिक उद्देश्य की ओर इशारा करता है।
- विज्ञापन -प्रशांत किशोर ने बीपीएससी छात्रों के समर्थन में आमरण अनशन जारी रखने का संकल्प लिया। गिरफ्तारी के बावजूद जमानत लेने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, "युवाओं के अधिकारों की लड़ाई जारी रहेगी।" #PrashantKishor #BPSC #YouthRights #BiharProtests pic.twitter.com/SJdjySRaFd
— The MidPost (@the_midpost) January 6, 2025
Prashant Kishor के इस साहसी कदम ने उनके समर्थन में खड़े छात्रों का हौसला और बढ़ाया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी आवाज तब तक रुकेगी नहीं जब तक युवाओं को उनके अधिकार नहीं मिल जाते। उनका यह कदम एक राजनीतिक संघर्ष से ज्यादा सामाजिक और नैतिक उद्देश्य की ओर अग्रसर है। पीके ने यह भी कहा कि अगर छात्र उनके समर्थन से आंदोलन जारी रखते हैं, तो वह जेल में रहकर भी अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
CM Yogi : ट्रैफिक पुलिस में बनेगी अलग महिला विंग,10 हजार महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती
बीपीएससी छात्रों का विरोध प्रदर्शन बिहार में बढ़ते जा रहा है, जहां वे प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने इस आंदोलन में समर्थन करते हुए गांधी मैदान में अनशन शुरू किया था। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उन्हें अस्पताल में उपचार के बाद अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें सशर्त जमानत दी, लेकिन पीके ने इसे लेने से मना कर दिया। उनका यह निर्णय छात्रों के लिए एक प्रेरणा बना और आंदोलन को मजबूती दी।
इस दौरान, पूर्व सांसद उदय सिंह ने Prashant Kishor की वैनिटी वैन के बारे में एक नया खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इस वैन की कीमत अब 8.5 लाख रुपये बची है, जबकि पहले इसे 4 करोड़ रुपये का बताया गया था। यह वैन उदय सिंह के पास है, जो 2019 के चुनावों में इसका इस्तेमाल करते थे। उन्होंने बताया कि उनका प्रशांत किशोर से जुड़ाव जनहित के कार्यों के कारण था, जिसमें छात्रों को छात्रवृत्तियां और स्कूलों को डोनेशन देना शामिल है।
प्रशांत किशोर का यह संघर्ष एक सामाजिक बदलाव की ओर इशारा करता है, जो राजनीति से ऊपर एक नैतिक उद्देश्य का प्रतीक बनता है। उनके इस कदम ने बिहार के छात्र आंदोलन को और मजबूती दी है।