Prayagraj News: प्रयागराज में एक कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता रामसागर यादव उर्फ मुखिया विवादों में घिर गए हैं। वीडियो में एक व्यक्ति एक महिला के साथ आपत्तिजनक हरकत करता नजर आ रहा है, जिसे सोशल मीडिया पर तेजी से साझा किया गया। पुलिस ने जांच के बाद उक्त व्यक्ति की पहचान सपा नेता के रूप में की और उन्हें हिरासत में लिया, हालांकि बाद में उन्हें थाने से ही जमानत दे दी गई। पुलिस अब वीडियो साझा करने वाले सोशल मीडिया यूजर के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। वहीं, रामसागर यादव ने पूरे मामले को झूठा और उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने की साजिश करार दिया है।
- विज्ञापन -सपा के नेता महिला के साथ दुर्व्यवहार करते हुए अपनी पार्टी का नाम और रोशन कर रहे हैं#लाल_टोपी_काले_कारनामे जग जाहिर हो रहे है ।।
सपा नेता *मुखिया यादव* का युवती के साथ अठखेलियां करते वीडियो सोशल मीडिया में वायरल , प्रयागराज से *राम सागर* उर्फ मुखिया यादव ! pic.twitter.com/cxNG2PYtFp
— Vandana Gupta 🇮🇳 (@im_vandy) June 2, 2025
इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब 1 जून को एक एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल से एक वीडियो वायरल किया गया। इस वीडियो में एक शख्स महिला के साथ कथित तौर पर अश्लील हरकतें करता नजर आ रहा था। सिरसा चौकी प्रभारी अनिल कुमार पांडेय ने इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए एक तहरीर दी और पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी। जांच में पुष्टि हुई कि वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति रामसागर यादव उर्फ मुखिया है, जो कि सिरसा क्षेत्र के लोहरी उपरोड़ा गांव का निवासी और समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है।
Prayagraj पुलिस ने इस आधार पर IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और आरोपी को हिरासत में ले लिया। हालांकि, चूंकि मामला उन धाराओं में दर्ज हुआ जिनमें सात साल से कम की सजा का प्रावधान है, इसलिए आरोपी को थाने से ही जमानत मिल गई। फिलहाल पुलिस उस महिला की भी पहचान करने में जुटी है जो वीडियो में नजर आ रही है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि वीडियो की प्रमाणिकता कितनी है।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए रामसागर यादव ने कहा कि यह उनके खिलाफ रची गई एक साजिश है। उन्होंने वीडियो को फर्जी बताया और कहा कि वे उस स्थान पर मौजूद ही नहीं थे जहां यह घटना दिख रही है। उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
इधर Prayagraj पुलिस अब उस सोशल मीडिया यूजर के खिलाफ भी साइबर अपराध अधिनियम के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रही है जिसने वीडियो को सबसे पहले पोस्ट किया था। अगर वीडियो फर्जी पाया गया, तो प्रसार करने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।