Supreme Court: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगा दी। बीते मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने बेहद कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। कोर्ट ने सड़क अतिक्रमण को लेकर यूपी के अधिकारियों द्वारा याचिकाकर्ता के घर को गिराए जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि आप घर खाली करने का मौका भी नहीं देते, यह मनमानी है। यह अराजकता है। आप घर कैसे गिरा सकते हैं, तो चलिए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार
- सीजेआई ने कहा कि आप इस तरह से लोगों के घर कैसे गिराना शुरू कर सकते हैं? यह अराजकता है, किसी के घर में घुसना।
- यह पूरी तरह से मनमानी है, उचित प्रक्रिया का पालन कहां किया गया है? हमारे पास एक हलफनामा है जिसमें कहा गया है कि कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था, आप केवल मौके पर गए और लोगों को सूचित किया। हम इस मामले में दंडात्मक मुआवजा देने को तैयार हो सकते हैं। क्या इससे न्याय का उद्देश्य पूरा होगा?
- जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि 1960 से अब तक आपने क्या किया? पिछले 50 सालों से आप क्या कर रहे थे? बहुत अहंकारी, राज्य को एनएचआरसी के आदेशों का कुछ सम्मान करना चाहिए, आप चुपचाप बैठे हैं और एक अधिकारी के कार्यों का संरक्षण कर रहे हैं।
- जस्टिस जेबी पारदीवाला ने यूपी सरकार के वकील से कहा कि आपके अधिकारी ने कल रात सड़क चौड़ीकरण के लिए पीले रंग के चिह्नित क्षेत्र को ध्वस्त कर दिया, अगली सुबह आप बुलडोजर लेकर आ गए। यह अधिग्रहण जैसा है, आप बुलडोजर लेकर नहीं आते और घर नहीं तोड़ते, आप परिवार को घर खाली करने का समय भी नहीं देते। चौड़ीकरण तो बस बहाना था, यह इस पूरी कवायद का कारण नहीं लगता।
- सुप्रीम कोर्ट ने इन टिप्पणियों के साथ यूपी सरकार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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सड़क चौड़ीकरण परियोजना से जुड़ा है मामला
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट 2019 में सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए घरों को ध्वस्त करने से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रहा था। मामला महाराजगंज का है। मनोज टिबरेवाल आकाश की ओर से रिट याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता का तर्क है कि सड़क चौड़ीकरण में हुई गड़बड़ियों के बारे में याचिकाकर्ता द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। निजी संपत्ति के संबंध में कोई भी कार्रवाई उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत की जानी चाहिए। पीठ ने यूपी सरकार से कहा कि आप रातों-रात बुलडोजर लाकर मकान नहीं गिरा सकते।
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