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UP electricity Rate में इजाफे की तैयारी: 30% बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर जुलाई में होगी सुनवाई, जनता को मिला सुझाव देने का मौका

UP electricity Rate

UP electricity Rate: उत्तर प्रदेश में बिजली दरें बढ़ सकती हैं। यूपी पावर कॉरपोरेशन द्वारा दाखिल बिजली दरों में 30 प्रतिशत वृद्धि के संशोधित प्रस्ताव को राज्य विद्युत नियामक आयोग ने सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव को लेकर आयोग ने बिजली कंपनियों को तीन दिनों के भीतर सार्वजनिक विज्ञापन जारी कर जनता को सूचित करने के निर्देश दिए हैं, जिससे उपभोक्ता 21 दिनों के भीतर अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज कर सकें। जुलाई में प्रस्तावित बिजली दरों पर सार्वजनिक सुनवाई शुरू होने की उम्मीद है।

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इस प्रस्ताव की मंजूरी को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी चिंता यह है कि आयोग ने इस संशोधित प्रस्ताव को गुपचुप तरीके से स्वीकार किया और उसे सार्वजनिक डोमेन में प्रकाशित नहीं किया गया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। नवंबर 2024 में पावर कॉरपोरेशन ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) दाखिल किया था, जिसे 9 मई 2025 को सुनवाई के लिए स्वीकार किया गया। बाद में पावर कॉरपोरेशन ने संशोधित ARR दाखिल कर घाटा बढ़ा कर 19,600 करोड़ रुपये बताया, जबकि पहले यह 10,000 करोड़ रुपये बताया गया था। इसी के आधार पर कंपनियों ने 30% बिजली दर बढ़ाने की मांग की।

इस बार आयोग ने ARR में मौजूद खामियों के बावजूद प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जबकि सामान्यत: ऐसी स्थिति में कंपनियों से संशोधन कराना अनिवार्य होता है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ समझौता बताया है। उनका कहना है कि आयोग ने उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी करते हुए बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाया है।

उपभोक्ता परिषद ने भी संशोधित ARR पर आपत्ति दर्ज कराते हुए UP electricity Rate में 40 से 45 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव दिया है। परिषद का कहना है कि कंपनियों के आंकड़ों में गंभीर विसंगतियां हैं और बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये बकाया है। इसके बावजूद आयोग कंपनियों की मांग पर सुनवाई कर रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

अब 21 दिनों तक जनता को सुझाव और आपत्तियां दर्ज कराने का समय दिया गया है, जिसके बाद जुलाई में सुनवाई होगी। अंतिम निर्णय उसी के आधार पर लिया जाएगा कि UP electricity Rate बढ़ेंगी, स्थिर रहेंगी या घटेंगी। जनता और उपभोक्ता संगठन इस प्रक्रिया पर पैनी नजर रखे हुए हैं।

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