Hardoi accident: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में गुरुवार, 15 मई की सुबह हुए तीन भीषण सड़क हादसों ने पूरे राज्य को दहला दिया। हरदोई जिले के बिलग्राम मार्ग पर सबसे दर्दनाक हादसा सामने आया, जब एक तेज़ रफ्तार डंपर ने एक सवारी ऑटो-रिक्शा को सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी ज़बरदस्त थी कि ऑटो के टुकड़े-टुकड़े हो गए और उसमें बैठे लोग बुरी तरह फंस गए। हादसे में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, डंपर काफी तेज गति से आ रहा था और संभवतः ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत Hardoi पुलिस और एम्बुलेंस को सूचित किया। राहत कार्य शुरू हुआ और घायलों को पास के अस्पताल ले जाया गया। छह लोगों को मृत घोषित किया गया। Hardoi पुलिस ने डंपर चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
यूपी : जिला हरदोई में डंपर ने ऑटो में टक्कर मारी। ऑटो सवार 6 लोगों की मौत हुई।
यूपी में आज सुबह से 3 सड़क हादसों में 16 लोगों की मौत हो चुकी है। pic.twitter.com/bQXRrGg2B4
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) May 15, 2025
इसी दिन लखनऊ में भी एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। एक बस, जो यात्रियों से भरी थी, सड़क पर फिसलकर पलट गई। इस घटना में करीब 40 लोग घायल हो गए। घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
तीसरी घटना बलरामपुर जिले से आई, जहां एक तेज रफ्तार SUV ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को पीछे से टक्कर मार दी। इस टक्कर में नौ लोगों की मौत हो गई। मृतक खेतों की ओर जा रहे मजदूर थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यह हादसा सुबह के समय हुआ, जब दृश्यता सामान्य थी, जिससे लापरवाही की आशंका और मजबूत हो जाती है।
तीनों हादसों ने राज्य की सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बार-बार हो रही इन घटनाओं के बावजूद न तो रफ्तार पर लगाम लग पा रही है और न ही भारी वाहनों के लिए कोई प्रभावी नियंत्रण व्यवस्था दिख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसों पर गहरा शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। साथ ही अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सड़क नियमों के पालन में कोई ढिलाई न बरती जाए।
ये घटनाएं एक बार फिर साबित करती हैं कि जब तक सड़क नियमों का ज़मीन पर सख्ती से पालन नहीं कराया जाएगा, तब तक हर सुबह किसी के लिए मौत की सुबह बनती रहेगी।