UP Teacher Pension: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य विश्वविद्यालयों और अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी की गणना में एक नोशनल वेतन वृद्धि (काल्पनिक वेतन वृद्धि) जोड़ी जाएगी। इस निर्णय से हजारों UP Teacher और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जो पहले इस लाभ से वंचित रह जाते थे।
पहले तक स्थिति यह थी कि यदि किसी कर्मचारी की रिटायरमेंट तिथि 30 जून या 31 दिसंबर पड़ती थी और उसकी वेतन वृद्धि अगले दिन यानी 1 जुलाई या 1 जनवरी से तय होती थी, तो उसे इसका लाभ नहीं मिल पाता था। नए शासनादेश के तहत अब ऐसे मामलों में भी नोशनल वेतन वृद्धि मानकर पेंशन और ग्रेच्युटी की गणना की जाएगी।
इस नए आदेश का लाभ उन UP Teacher, कर्मचारियों को भी मिलेगा, जिन्होंने 1 जनवरी 2006 के बाद और शासनादेश लागू होने से पहले 30 जून को रिटायरमेंट लिया है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें केवल तत्काल प्रभाव से लाभ दिया जाएगा, जबकि पिछली अवधि का कोई एरियर नहीं मिलेगा। इसी तरह, 1 जनवरी 2016 के बाद 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों और कर्मचारियों को भी यह फायदा मिलेगा, यदि उनकी वेतनवृद्धि 1 जुलाई या 1 जनवरी से तय थी।
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इस आदेश को 2006 से लागू वेतन समिति (2008) की संस्तुति के आधार पर लागू किया गया है। इससे पहले यह लाभ केवल बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को दिया जाता था। अब इसे उच्च शिक्षा विभाग में भी लागू कर दिया गया है। इस फैसले से राज्य विश्वविद्यालयों और एडेड डिग्री कॉलेजों में कार्यरत हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों को सीधा वित्तीय फायदा होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से उच्च शिक्षा विभाग में लंबे समय से चली आ रही नाराजगी भी दूर होगी। शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए यह निर्णय न सिर्फ आर्थिक रूप से मददगार साबित होगा, बल्कि इससे उनके पेंशन व ग्रेच्युटी संबंधी विवाद भी समाप्त होंगे। सरकार का यह कदम उच्च शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक माहौल बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।