केंद्र की मोदी सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए 12 सुखोई-30 फाइटर जेट को खरीदने की मंजूरी दे दी है। वायुसेना के स्क्वाड्रन ताकत को बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड को 10 हजार करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है। जिसके तहत वायुसेना के लिए 12 सुखोई-30 फाइटर जेट हासिल किए जाएंगे। इससे भारतीय वायुसेना की ताकत काफी मजबूत होगी।
वायुसेना को मिलेंगे 12 आधुनिक सुखोई-30
केंद्र सरकार ने ये फैसला तब लिया है, जब भारतीय वायुसेना को कम होती हवाई ताकत का सामना करना पड़ रहा था। पिछले 20 सालों में अलग-अलग हवाई दुर्घटनाओं में वायुसेना को 12 सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को गंवाना पड़ा है। ऐसे में ये नए लड़ाकू विमान वायुसेना में पैदा हुए इस गैप को भरने का काम करेगी। अच्छी बात ये है कि ये सभी विमान स्वदेशी होंगे।
स्वदेशी होंगे सारे लड़ाकू विमान
सभी लड़ाकू विमान भारत में हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड के द्वारा बनाए जाएंगे। इसमें 60 फीसदी उपकरण स्वदेशी होने वाले हैं। भारतीय वायुसेना के पास इस तरह के 260 लड़ाकू विमान हैं। लेकिन ये नए 12 सुखोई-30 विमान पुराने विमान के मुकाबले ज्यादा आधुनिक होंगे। इस विमान में अस्त्र एमके-1 लॉन्ग रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल, ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल और कई तरह के बम फिट किए जा सकते हैं। इस विमान में हवा में ही फ्यूल भरा जा सकेगा।
नौसेना को भी मिली बड़ी कामयाबी
वहीं भारतीय नौसेना को भी बड़ी कामयाबी मिली है। नौसेना के नए स्वदेशी पोत इम्फाल से पहले और सटीक प्रहार में मिसाइल नष्ट करने में सफलता मिली है। दुनिया की सबसे तेज चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस मिसाइल को P15B डेस्ट्रॉयर से छोड़ा गया है। समुद्र में अपनी पहली ब्रह्मोस फायरिंग में इम्फाल ने सटीक निशाना साधा।
Imphal (Yard 12706), Indian Navy’s latest indigenous guided missile destroyer, scored ‘Bulls Eye’ in her maiden #Brahmos firing at sea.#Imphal #InvincibleImphal@DefMinIndia@AjaybhattBJP4UK@SpokespersonMoD@indiannavy@IndiannavyMedia@DefPROMumbai@IN_WesternFleet pic.twitter.com/uQ42nhEAWt
— Western Naval Command (@IN_WNC) November 22, 2023
समुद्र से पहली बार दागा ब्रह्मोस
नौसेना ने पहली बार समुद्र से ब्रह्मोस मिसाइल दागी है। नौसेना की भाषा में इसे ‘बुल्स आई’ स्कोर करना कहा गया। इस स्वदेशी युद्धपोत का डिस्प्लेसमेंट 7400 टन है। ये 535 फीट लंबा युद्धपोत है। ये डीजल-इलेक्ट्रिक युद्धपोत है। अधिकतम स्पीड 56 किलोमीटर प्रतिघंटा है। अगर इसे 33 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाएं तो यह 15 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। 45 दिनों तक समुद्र में रह सकता है।