Rahul Gandhi Poonch visit: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ पहुंचे। बता दें कि पुंछ नियंत्रण रेखा (LOC) से सटा इलाका है, जहां पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद गोलीबारी की थी, जिसमें कई नागरिक मारे गए थे। राहुल गांधी ने पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में जान गंवाने वालों के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे।
चिंता न करें, सब कुछ सामान्य हो जाएगा: राहुल गांधी
बता दें कि, राहुल गांधी ने पुंछ के एक स्कूल का दौरा किया और सीमा पार से हो रही गोलाबारी से प्रभावित छात्रों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि, ‘आपने खतरा और थोड़ी भयावह स्थिति देखी है, लेकिन चिंता न करें। सब कुछ सामान्य हो जाएगा। इस समस्या से निपटने का आपका तरीका यह होना चाहिए कि आप खूब पढ़ें और खूब खेलें और स्कूल में खूब दोस्त बनाएं।’
सीएम उमर अब्दुल्ला से भी मिलेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, ‘यह बहुत बड़ी त्रासदी है, कई लोगों की जान चली गई है। बहुत नुकसान हुआ है। मैंने लोगों से बात की, उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की। उन्होंने मुझसे राष्ट्रीय स्तर पर 2-3 मुद्दे उठाने को कहा, जिन्हें मैं उठाऊंगा।’ कांग्रेस नेता अपने दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी मिलेंगे।
#WATCH | J&K | Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi visits the civilian areas that were affected by cross-border shelling by Pakistan in Poonch pic.twitter.com/VhKcJkPyRs
— ANI (@ANI) May 24, 2025
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जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने राहुल गांधी के पुंछ दौरे पर कहा, ‘पुंछ में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। राहुल गांधी आज यहां लोगों से मिलने आ रहे हैं। वह गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुए बड़े संस्थानों का दौरा करेंगे। साथ ही गोलीबारी में मारे गए बच्चों के घर भी जाएंगे।’
पाकिस्तान ने किया संघर्ष विराम का किया उल्लंघन
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इस दौरान उन्होंने आम नागरिकों को सीधे निशाना बनाया। पाकिस्तानी सेना ने जानबूझकर स्कूलों, घरों और धार्मिक स्थलों पर गोलाबारी और मोर्टार दागे। इससे पुंछ इलाके में डर और गम का माहौल है। पाकिस्तानी गोलाबारी में कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल भी हुए। इस दौरान अकेले पुंछ में 7 से 10 मई के बीच 13 मौतें हुईं। 70 से ज्यादा घायल भी हुए। इस संकट ने हजारों नागरिकों को नियंत्रण रेखा (LOC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) से भागने पर मजबूर कर दिया, जो अब सरकारी राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं।
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