Sikkim Landslide: दुनिया पिछले कई सालों के मुकाबले आज तरक्की और विकास के मार्ग पर है, मनुष्य प्रकृति को मोड़कर नई-नई तकनीकियों की खोज की और अपने को आसान बना दिया है। जिसका खामियाजा आज पूरी दूनिया को भूगतना पड़ रहा है। यहीं कारण है कि आज असमय चीजें सामने देखने को मिल रही है, जो लोग आंधी, तूफान,भूस्खलन, आकाशीय बिजली के बारे में सिर्फ किताबों में पढ़ा करते थे आज वो सारी चीजें सामने देखने को मिल रही है। ऐसा ही उदाहरण आज पूर्वोत्तर भारत का राज्य बना हुआ है, जहां बारिश और भूस्खलन ने अपना कहर बरपाया हुआ है।
सिक्किम में सेना के एक कैंप में भूस्खलन
बीते रविवार शाम को सिक्किम में सेना के एक कैंप में भूस्खलन में कुछ सैनिकों समेत तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि नौ सैनिक लापता भी हैं, जिनकी तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। मामले की मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार शाम करीब 7 बजे उत्तरी सिक्किम के चट्टन में सेना के कैंप में भूस्खलन हुआ, जिससे आसपास के इलाकों में बने घरों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग लापता भी हैं। मृतकों और लापता लोगों की पहचान के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
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भूस्खलन के कारण 1500 पर्यटक फंसे
उत्तरी सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हालात इतने खराब हो गए हैं कि लोचन और लाचुंग इलाकों में करीब 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं। मंगन जिले के एसपी सोनम देचू भूटिया ने बताया कि लाचेन में 115 और लाचुंग में 1,350 पर्यटक ठहरे हुए हैं। भूस्खलन के कारण सड़कें दोनों तरफ से बंद हैं। अधिकारियों ने बताया कि लाचुंग तक सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है और आज से पर्यटकों को निकालने का काम शुरू हो जाएगा। BRO की टीम ने भूस्खलन के कारण जमा हुए मलबे को हटा दिया है, क्षतिग्रस्त हिस्सों का पुनर्निर्माण किया है और फिदांग में ‘सस्पेंशन ब्रिज’ के पास दरारों को भरकर फंसे हुए पर्यटकों को लाचुंग-चुंगथांग-शिपग्यारे-शांकलांग-डिकचू सड़क से निकालने का रास्ता तैयार कर दिया है।
उत्तरी सिक्किम में फटा था बादल
घटना को लेकर BRO ने बताया कि लगातार भारी बारिश के बाद 30 मई को अचानक बादल फटने से उत्तरी सिक्किम में काफी नुकसान हुआ है। इस दौरान 130 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई और लाचेन, लाचुंग, गुरुडोंगमार, फूलों की घाटी और जीरो प्वाइंट समेत प्रमुख पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाली सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। इस आपदा के कारण कई स्थानों पर सड़कों में दरारें आ गईं, पुलों को नुकसान पहुंचा तथा डिकू-सिंकलंग-शिपगिरे रोड, चुंगथांग-लाशेन-ज़ेमा रोड और चुंगथांग-लाचुंग रोड सहित प्रमुख मार्गों पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ।