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सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को दी मार्च तक अंतरिम जमानत, अनुयायियों से मिलने पर लगी रोक

Asaram Bail: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (6 जनवरी, 2025) को 86 वर्षीय बाबा आसाराम बापू को चिकित्सा आधार पर मार्च के अंत तक अंतरिम जमानत दे दी, जबकि उन्हें अपने अनुयायियों से समूह में मिलने पर रोक लगा दी।आसाराम बापू, जो 2013 के बलात्कार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को स्वास्थ्य आधार पर जमानत देते हुए स्पष्ट किया कि उनकी जमानत आसाराम की बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य के आधार पर दी गई है। इस दौरान 86 साल के आसाराम अपना इलाज करा सकते हैं। आसाराम करीब 11 साल जेल में बिता चुके हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सूरत रेप मामले में आसाराम को जमानत दे दी है लेकिन जोधपुर रेप केस में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत लेनी होगी।

बाबा आसाराम को जमानत से राहत

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अंतरिम जमानत देते हुए जस्टिस MM सुंदरेश और राजेश बिंदल (Bench) ने शर्त रखी है कि आसाराम अपनी रिहाई के दौरान अपने अनुयायियों से नहीं मिलेंगे। कोर्ट ने उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ न करने की भी हिदायत दी है। जमानत की शर्तों के मुताबिक इलाज के दौरान तीन पुलिसकर्मी उनके साथ रहेंगे। हालांकि, ये पुलिस अधिकारी इलाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।आसाराम के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्हें दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है और उनकी हालत बेहद गंभीर है। उन्होंने यह भी बताया कि आसाराम को जेल में ठीक से इलाज नहीं मिल रहा है। कोर्ट ने आसाराम की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें अंतरिम जमानत दे दी।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

इससे पहले कई मौकों पर सुप्रीम कोर्ट उन्हें रिहा करने से इनकार कर चुका है।आसाराम को रेप के दो मामलों में पहले ही उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। एक मामला उनके सूरत आश्रम में एक महिला अनुयायी से बलात्कार का है। दूसरा मामला जोधपुर आश्रम में रेप का है। आसाराम को 2013 में इंदौर में गिरफ्तार किया गया था।गुजरात सरकार के वकील ने याचिका का विरोध किया। राज्य के वकील ने जोर देकर कहा कि जेल के अंदर पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध थीं। दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने आसाराम को 31 मार्च, 2025 तक मेडिकल जमानत दे दी। Bench ने स्पष्ट किया कि राहत पूरी तरह से मानवीय आधार पर दी गई है और जमानत अवधि के दौरान लगाई गई शर्तों के अनुपालन का निर्देश दिया।

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