- विज्ञापन -
Home Bareilly Bareilly bulldozer और बिजली चोरी के आरोप में मौलाना तौकीर रजा के...

Bareilly bulldozer और बिजली चोरी के आरोप में मौलाना तौकीर रजा के नजदीकियों पर सख्त कार्रवाई

Bareilly Maulana Tauqeer Raza bulldozer: बरेली में जुमे की नमाज के बाद आई लव मोहम्मद विवाद ने माहौल गर्म कर दिया। हिंसा भड़काने के आरोप में मौलाना तौकीर रजा के करीबी लगातार प्रशासन की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। रविवार को पुलिस और प्रशासन ने डॉक्टर नफीस खान के बारात घर को बुलडोजर से गिरा दिया। बताया जा रहा है कि यह हिस्सा अवैध था। इससे पहले मौलाना को शरण देने वाले फरहत खान के घर को भी सीज किया जा चुका है।

- विज्ञापन -

इस बीच बिजली विभाग ने भी कार्रवाई शुरू कर दी। बानखाना के रजा चौक में पकड़ी गई बिजली चोरी के मामले में मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश ने पांच बड़े बकायेदारों के खिलाफ आरसी जारी की है। इन सभी पर कुल 1.12 करोड़ रुपये का राजस्व निर्धारण और शमन शुल्क लगाया गया है। पकड़े गए आरोपी मौलाना तौकीर रजा के समर्थक बताए जा रहे हैं। इनमें मोहसिन रजा, सपा पार्षद, पूर्व पार्षद समेत आठ लोग शामिल थे। इनके यहां अवैध ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन और 77 किलोवाट की बिजली चोरी पकड़ी गई थी।

Sahara City controversy: स्वप्ना रॉय और रिश्तेदारों के भागने से मचा बवाल, कर्मचारियों में बढ़ा आक्रोश

मुख्य अभियंता ने इस प्रकरण में वसीम खान पर 15,39,046 रुपये, मोनीश खान पर 22,29,709 रुपये, बरकान रजा खान पर 37,32,339 रुपये, अमन रजा खान पर 26,92,628 रुपये और गुलाम नवी पर 26,57,065 रुपये की वसूली के लिए आरसी जारी की है। उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों को विद्युत चोरी की वसूली के लिए निर्देशित किया है।

इस कार्रवाई से साफ संदेश गया कि बरेली प्रशासन और बिजली विभाग मौलाना तौकीर रजा और उनके समर्थकों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरत रहे। डॉक्टर नफीस खान और फरहत खान के घरों पर हुई कार्रवाई ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अवैध निर्माण और अपराध पर प्रशासन सख्ती दिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली चोरी और अवैध निर्माण पर यह कार्रवाई स्थानीय प्रशासन की तेजी और कानून पालन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मौलाना और उनके समर्थक अब प्रशासन की निगरानी में हैं, और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई जारी रहने की संभावना है।

इस घटनाक्रम ने बरेली में कानून व्यवस्था और प्रशासन की सख्ती को लेकर चर्चा तेज कर दी है। जुमे के बाद भड़की हिंसा और उसके प्रभाव के मद्देनजर यह कार्रवाई लोगों के लिए चेतावनी और कानून की अल्टीमेट सख्ती का प्रतीक मानी जा रही है।

- विज्ञापन -
Exit mobile version