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गुरुग्राम में बेटी की हत्या: समाज की सोच का शिकार बनी टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव

Radhika Yadav

Radhika Yadav Murder: हरियाणा के गुरुग्राम में गुरुवार सुबह एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। 25 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की उनके ही पिता दीपक यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह वारदात सेक्टर-57 स्थित उनके घर में सुबह 10:30 बजे हुई।

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राधिका यादव एक उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी थीं, जिनकी पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन चुकी थी। इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (ITF) की डबल्स रैंकिंग में वह 113वें स्थान पर थीं और उन्होंने कई राष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में पदक भी जीते थे। उन्होंने ट्यूनीशिया में आयोजित W15 प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया था। चोट लगने के बाद उन्होंने खेल से दूरी बनाई लेकिन खेल के प्रति अपना जुनून नहीं छोड़ा। सेक्टर-57 में उन्होंने एक टेनिस कोचिंग अकादमी शुरू की थी, जहां बच्चों को ट्रेनिंग देती थीं। साथ ही वह सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय थीं और रील्स बनाकर युवाओं से जुड़ी रहती थीं।

घटना के वक्त राधिका रसोई में थीं। तभी उनके पिता ने अपनी लाइसेंसी .32 बोर की रिवॉल्वर से तीन गोलियां उनके पीठ में मार दीं। गोली की आवाज सुनकर राधिका के चाचा कुलदीप और उनके बेटे पीयूष मौके पर पहुंचे। राधिका खून से लथपथ पड़ी थीं और पास में रिवॉल्वर मिली, जिसमें पांच कारतूस खाली और एक भरा हुआ था।

पुलिस पूछताछ में दीपक यादव ने हत्या की बात कबूल की। उन्होंने बताया कि वह राधिका के टेनिस अकादमी चलाने और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने से नाराज थे। गांव में लोग उन्हें ताने मारते थे कि वह बेटी की कमाई पर जी रहे हैं। इन्हीं तानों और सामाजिक दबाव के चलते वह मानसिक तनाव में थे।

राधिका के चाचा की शिकायत पर सेक्टर-56 थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और हथियार को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

यह घटना केवल एक पारिवारिक त्रासदी नहीं, बल्कि सामाजिक मानसिकता पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। एक प्रतिभावान बेटी की हत्या यह दर्शाती है कि आज भी समाज में बेटियों की स्वतंत्रता और सफलता को संदेह की नजर से देखा जाता है। राधिका की मौत हम सबके लिए एक चेतावनी है कि अगर हमने अपने विचार नहीं बदले, तो ऐसे हादसे दोहराते रहेंगे।

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