Moradabad Doctor Recruitment: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) ने एक नई पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत रिवर्स बिडिंग प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसमें डॉक्टर अपनी सेवा के लिए न्यूनतम वेतन की ऑनलाइन बोली लगाते हैं। उपयुक्त बोली लगाने वाले डॉक्टर को अस्पताल में नियुक्त किया जाता है। इस प्रक्रिया के जरिए मुरादाबाद में आठ विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है, जो विभिन्न चिकित्सा विभागों में सेवाएं देंगे। सबसे ऊंची बोली बेहोशी विशेषज्ञ डॉ. रज़ी शाहिद की रही, जिन्हें एमसीएच विंग में नियुक्त किया गया है। इस अभिनव प्रयोग से जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
नियुक्ति विवरण: विशेषज्ञ डॉक्टर और उनकी बोली
- डॉ. रज़ी शाहिद (एनेस्थेटिस्ट)
- वेतन: ₹3,45,000 प्रतिमाह
- तैनाती: 100 बेड वाला मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (MCH) विंग
- डॉ. प्रांजल मिश्रा (मेडिसिन विशेषज्ञ)
- वेतन: ₹3,40,000 प्रतिमाह
- तैनाती: मुख्य चिकित्सा सलाहकार पद
- डॉ. ओवैस महबूब (हड्डी रोग विशेषज्ञ)
- वेतन: ₹2,10,000 प्रतिमाह
- तैनाती: ट्रॉमा सेंटर
- डॉ. अनिल कुमार गुप्ता (जनरल सर्जन)
- वेतन: ₹70,000 प्रतिमाह
- तैनाती: सामान्य सर्जरी विभाग
(इसके अतिरिक्त अन्य चार विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी अलग-अलग विभागों में नियुक्त किया गया है।)
रिवर्स बिडिंग प्रणाली: क्यों है खास?
- पूरी तरह पारदर्शी प्रणाली
- डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर आवेदन और चयन प्रक्रिया से निष्पक्षता बनी रहती है।
- अस्पताल की ज़रूरतों पर आधारित चयन
- चिकित्सकों की नियुक्ति विशेष विभागों की मांग के अनुसार की जाती है।
- बेहतर सेवाओं की उम्मीद
- विशेषज्ञों की मौजूदगी से मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार सुलभ होगा।
- संतुलित वित्तीय व्यवस्था
- डॉक्टर स्वयं अपनी सेवा का न्यूनतम मान तय करते हैं, जिससे व्यय पर भी नियंत्रण बना रहता है।
भविष्य की योजना
Moradabad स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मुरादाबाद में इस प्रणाली की सफलता के बाद इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में योग्य और अनुभवी डॉक्टरों की मौजूदगी बढ़ेगी, जिससे सरकारी स्वास्थ्य ढांचा मजबूत होगा।
Moradabad में लागू की गई रिवर्स बिडिंग प्रणाली सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति के क्षेत्र में एक नवीन प्रयोग है, जो न केवल पारदर्शिता लाता है, बल्कि मरीजों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।