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Tuesday, July 23, 2024
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कांग्रेस के दो नेता भिड़े, एक राहुल का तो दूसरा प्रियंका गांधी का समर्थक!

जब से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और वरुण गांधी (Varun Gandhi) की केदारनाथ (Kedarnath) में मुलाकात की खबर बाहर आई तब से कांग्रेस (Congress) में भूचाल आ गया है. कांग्रेस के दो बड़े नेता अब आमने-सामने आ गए हैं. लेकिन कहा ये जा रहा है कि ये दो नेता बोल जरूर रहे हैं पर इनके पीछे कोई और ही है, ये कौन हैं बताएंगे लेकिन उससे पहले जानिए कि रणदीप सुरजेवाला और आचार्य प्रमोद कृष्णम सरेआम कैसे लड़े हैं. पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि,

कांग्रेस पार्टी में कुछ बड़े नेता ऐसे हैं जिन्हें हिंदू शब्द से ही नफरत है. कुछ कांग्रेसी ऐसे नेता हैं, जिन्हें राम मंदिर से ही नहीं बल्कि भगवान राम से भी नफरत है.

आचार्य के इस बयान पर रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा कि,

ऐसे महत्वहीन लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए उन्हें छोड़ देना चाहिए.सुरजेवाला ने मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान पत्रकारों से यह बात कही थी. इसके बाद आचार्य बुरी तरह भड़क गए उन्होंने एक्स पर लिखा

कांग्रेस के “भाग्य” की विडंबना यही है कि एक ऐसे “लफ़ंडर” को पार्टी का महासचिव बना रखा है जिसने राज्य सभा के चुनाव में “विधायक” रहते हुए भाजपा के उम्मीदवार और Zee न्यूज़ के मालिक सुभाष चंद्रा को जितवाने का “पाप” सिर्फ़ एक “अश्लील” CD के “प्रसारण” को रुकवाने के लिये किया.

कहा जा रहा है कि ये इन दोनों नेताओं के पीछे दो बहन-भाई हैं क्योंकि इनमें से एक को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और दूसरे को प्रियंका गांधी का राजनीतिक गुरू कहा जाता है. मतलब असल में घमासान परिवार के अंदर है और ये तब से ज्यादा हुआ है जब से राहुल गांधी और वरुण गांधी की मुलाकात की बात सामने आई क्योंकि खबर ये आई कि वरुण गांधी को राहुल गांधी यूपी की कमान देने के प्लान में हैं जबकि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी लंबे समय से मेहनत कर रही हैं और कांग्रेस को जिंदा करने की कोशिश में लगी हैं. आचार्य प्रमोद कृष्णम को प्रियंका का बड़ा समर्थक माना जाता है और वो गाहे बगाहे उनको कांग्रेस की कमान देने की वकालत करते रहते हैं.

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला पर जो आरोप लगाएं हैं वो कोई विरोधी पार्टी का नेता ही लगा सकता है. इतना ही नहीं आचार्यजी ने ऐन 5 राज्यों के चुनाव के मौके पर पार्टी को राम विरोधी और हिंदू विरोधी बताकर पार्टी के लिए संकट खड़ा करने का काम किया है.

पहले भी आचार्य खुलकर कर चुके हैं कांग्रेस की आलोचना

प्रियंका गांधी वाड्रा के नजदीकी आचार्य कृष्णम कोई पहली बार नहीं अपनी पार्टी को निशाने पर ले रहे हैं. इसके पहले भी उन्होंने कई बार पार्टी की नीतियों की खुलकर आलोचना की है. यही कारण है उनपर सालों से बीजेपी में जाने के आरोप लगते रहे हैं. पर आचार्य बीजेपी को भी मौके बेमौके निशाने पर लेते रहते हैं. अब जो उन्होंने बयानबाजी की है वह उन्हें मुश्किल में डाल सकती है.

हाल-फिलहाल में जिस तरह आचार्य ने कांग्रेस नेताओं की आलोचना शुरू की है और बीजेपी के हिंदुत्व का समर्थन किया है उससे एक बार फिर से अफवाहें उड़नी शुरू हुईं हैं. तो क्या आचार्य बीजेपी में जा रहे हैं. चाहे फिलिस्तीन और इजरायल की बात हो या सनातन की बात हो आचार्य ने अपनी पार्टी और इंडिया गठबंधन को दोनों को आड़े हाथों लिया है.

सनातन के मुद्दे पर जब उदयनिधि का बयान आया तो आचार्य ने कहा था कि ऐसी पार्टियों को इंडिया एलायंस से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए. इजरायल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर भी वो बीजेपी के स्टैंड लेते दिखे.

राहुल गांधी लगातार जाति सर्वे की बात कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि सत्ता में आने के बाद हर राज्य में जाति जनगणना कराएंगे. आचार्य ने जाति की राजनीति का भी खुलकर विरोध करने का साहस दिखाया. तो क्या आचार्य बीजेपी में जाने की तैयारी में हैं.

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