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Krishna Janmashtami 2024: मथुरा वृंदावन नहीं इन जगहों से भी है श्रीकृष्ण का नाता

Janmashtami 2024

Krishna Janmashtami 2024: जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाना है। जन्माष्टमी के दिन भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी कथा और बाल लीलाएं सदियों सदियों तक याद की जाती है। उनकी जन्मस्थली मथुरा में है, वहीं गोकुल वृंदावन में माता यशोदा के घर पर उनका बचपन गुजरा है। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली और बाल्यकाल को महसूस करने के लिए लोग मथुरा वृंदावन जाना पसंद करते हैं। हालांकि उनके जीवन से जुड़े कई और स्थान भी हैं जहां से श्रीकृष्ण का गहरा नाता है। श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े इन पवित्र स्थल के बारे में जानिए। जन्माष्टमी के मौके पर दर्शन के लिए श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े स्थानों पर भी जा सकते हैं।

द्वारका (गुजरात)

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गुजरात में स्थित द्वारका में श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर बना है। दरअसल श्रीकृष्ण मथुरा छोड़ने के बाद गुजरात आए और द्वारका नगरी बसाई। वह द्वारका के राजा कहे जाते हैं। यह नगरी उनके शासनकाल में एक प्रमुख स्थान थी और आज भी यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। द्वारका को “भगवान श्रीकृष्ण की राजधानी” भी कहा जाता है। द्वारकाधीश मंदिर यहां का प्रमुख आकर्षण है, जहाँ श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।

कुरुक्षेत्र (हरियाणा)

महाभारत का युद्ध हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ही लड़ा गया था, और यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यह स्थान भारतीय इतिहास और धार्मिकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कुरुक्षेत्र में ब्रह्म सरोवर और गीता उपदेश स्थल प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।

सोमनाथ (गुजरात)

कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपना अवतार समाप्त करने से पहले सोमनाथ के पास प्रभास क्षेत्र में अपने अंतिम समय बिताया था। यहीं पर उन्हें एक शिकारी के तीर से शरीर त्यागना पड़ा था। सोमनाथ मंदिर एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग मंदिर है और श्रीकृष्ण से जुड़ी अंतिम घटनाओं का साक्षी है।

गिरिराज पर्वत, गोवर्धन

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पास स्थित एक पर्वत है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर उठाकर इंद्र के क्रोध से गोकुल वासियों की रक्षा की थी। गोवर्धन पूजा और गोवर्धन परिक्रमा यहाँ के प्रमुख धार्मिक क्रियाकलाप हैं। गोवर्धन पर्वत का संबंध श्रीकृष्ण की लीलाओं से है और यहाँ लाखों भक्त परिक्रमा करने आते हैं।

बरसाना

श्रीकृष्ण का बरसाना से भी अटूट रिश्ता है। प्रचलित है कि बरसाना में राधा रानी रहती हैं। श्रीकृष्ण राधा जी से प्रेम करते थे। कान्हा राधा जी से मिलने बरसाना जाया करते थे। यहां रावल गांव में राधा कृष्ण का एक पेड़ भी है।

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