- विज्ञापन -
Home UP News स्कूल मर्जर पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, योगी सरकार को मिली राहत

स्कूल मर्जर पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, योगी सरकार को मिली राहत

UP

UP primary school merger: उत्तर प्रदेश सरकार के स्कूल मर्जर फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह फैसला योगी सरकार के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए था। कोर्ट के फैसले के बाद सरकार के स्कूलों को एकीकृत करने की योजना को कानूनी समर्थन मिल गया है।

- विज्ञापन -

UP में योगी सरकार ने निर्णय लिया था कि जिन स्कूलों में 50 से कम छात्र पढ़ रहे हैं, उन्हें पास के स्कूलों में जोड़ा जाएगा। सरकार का मानना था कि इससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी। लेकिन इस फैसले को चुनौती देते हुए कृष्णा कुमारी और अन्य याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से अनुरोध किया कि 16 जून 2023 को जारी सरकार के इस आदेश को रद्द किया जाए।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता एलपी मिश्रा और गौरव मेहरोत्रा ने तर्क दिया कि सरकार का यह फैसला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21ए का उल्लंघन करता है, जो 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देता है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि स्कूलों का मर्जर करने से बच्चों को पड़ोस में शिक्षा का अवसर नहीं मिलेगा और उन्हें दूर स्कूल जाना पड़ेगा। उनके अनुसार सरकार को स्कूलों को बंद करने की बजाय उनमें सुधार करना चाहिए ताकि अधिक बच्चे आकर्षित हो सकें।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने जनहित की बजाय अपनी सुविधा और आर्थिक कारणों को प्राथमिकता दी है। उनका कहना था कि सरकार ने स्कूलों को बंद करने का आसान रास्ता अपनाया है, जबकि उसे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर काम करना चाहिए था।

UP सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया, मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह और बेसिक शिक्षा निदेशक के अधिवक्ता संदीप दीक्षित ने सरकार का पक्ष मजबूती से रखा। उन्होंने बताया कि स्कूलों को बंद नहीं किया जा रहा है, बल्कि सिर्फ उन्हें पास के स्कूलों में जोड़ा जा रहा है ताकि संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो सके। उनका कहना था कि कई स्कूलों में बहुत कम बच्चे हैं, जो शिक्षा के स्तर को प्रभावित कर रहे हैं।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सरकार के फैसले को सही माना और याचिकाएं खारिज कर दीं। इस निर्णय से योगी सरकार की स्कूल एकीकरण योजना को मजबूती मिल गई है।

- विज्ञापन -
Exit mobile version