Azamgarh brutality: आज़मगढ़ जनपद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक अनाथ नाबालिग किशोरी को चोरी के झूठे आरोप में शिक्षक, महिला कांस्टेबल और उसके पति ने प्रताड़ित किया। पीड़िता का आरोप है कि उसे न केवल पीटा गया, बल्कि गर्म चिमटे से दागा भी गया। यह पूरी घटना बरदह थाना क्षेत्र की बताई जा रही है। पुलिस ने एसपी के आदेश पर तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और महिला कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।
किशोरी बरदह थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने दो भाइयों के साथ रहती है। उसके माता-पिता की मृत्यु पहले ही हो चुकी है। परिवार चलाने के लिए वह कस्बे में रहने वाले एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक सदाशिव तिवारी के घर घरेलू काम करती थी। सदाशिव के मकान में एक हिस्सा महिला कांस्टेबल रीना द्विवेदी और उसके पति ने किराए पर ले रखा था।
पीड़िता का कहना है कि शिक्षक की उस पर गलत नीयत थी और जब उसने विरोध किया, तो उसे परेशान किया जाने लगा। अंततः किशोरी ने उसका घर छोड़ दिया। लेकिन बीते शनिवार को शिक्षक ने उसे फिर से घर बुलाया और उस पर चोरी का आरोप लगाकर रोक लिया। जब किशोरी का भाई उसे खोजते हुए पहुंचा, तो दो सिपाही उसे थाने ले गए और किशोरी को घर में ही बंद कर दिया गया।
किशोरी के मुताबिक, उस रात शिक्षक सदाशिव, कांस्टेबल रीना और उसके पति ने मिलकर उसे बेरहमी से पीटा और गर्म चिमटे से शरीर पर जगह-जगह दाग दिया। वह दर्द से चीखती रही लेकिन किसी को उस पर दया नहीं आई। अगले दिन रविवार को रीना किशोरी को थाने लेकर गई, जहां जबरन दोनों पक्षों में समझौता करा दिया गया।
सोमवार को पीड़िता ने साहस जुटाकर Azamgarh पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपनी पूरी आपबीती सुनाई। Azamgarh एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। बरदह पुलिस ने सदाशिव तिवारी, रीना द्विवेदी और उसके पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर किशोरी को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा।
लालगंज के क्षेत्राधिकारी भूपेश पांडेय ने बताया कि महिला कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है और जांच के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी। मामला तूल पकड़ता जा रहा है और पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।