GDA Commercial Plot Auction: गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीडीए) ने कौशांबी के लंबे समय से विवादित रहे प्लॉट का मामला हल कर लिया है। यह प्लॉट अब रिहायशी ग्रुप हाउसिंग के बजाय कमर्शियल उपयोग के लिए विकसित किया जाएगा। इस कदम से जीडीए को करोड़ों रुपये की आय होने की संभावना है, जिसे शहर के विकास कार्यों जैसे नई सड़कें, बुनियादी ढांचा और व्यावसायिक केंद्रों के निर्माण में लगाया जाएगा। जीडीए ने भू-उपयोग बदलने की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 13 के तहत शुरू कर दी है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह प्लॉट नीलामी के लिए रखा जाएगा।
इस 4,840 वर्ग मीटर के प्लॉट को पहले मैसर्स पंचशील बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड को ग्रुप हाउसिंग के लिए आवंटित किया गया था। कंपनी ने आरोप लगाया कि जीडीए ने समय पर जमीन का कब्जा नहीं दिलाया, जिससे उन्हें भारी वित्तीय नुकसान हुआ। उन्होंने पैसे वापसी या किसी दूसरी जगह प्लॉट देने की मांग की। इस विवाद को सुलझाने के लिए जीडीए ने समिति बनाई। समिति ने पाया कि कंपनी ने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया था, लेकिन समझौते के तहत जीडीए ने बिना कटौती के 17.58 करोड़ रुपये कंपनी को वापस कर दिए। इसके बाद कंपनी ने प्लॉट का कब्जा जीडीए को सौंप दिया और अपने सभी कानूनी मामले वापस ले लिए।
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यह GDA प्लॉट राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-9 और वैशाली को जोड़ने वाले 100 मीटर लिंक रोड के पास स्थित है, जिससे इसकी लोकेशन अत्यंत आकर्षक हो गई है। जीडीए का मानना है कि नीलामी में इसे बेचने से आय कई गुना बढ़ सकती है। इससे न केवल जीडीए की कमाई बढ़ेगी, बल्कि शहर में नई सड़कें, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, ऑफिस स्पेस और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्तीय मदद मिलेगी।
GDA वीसी अतुल वत्स ने बताया कि यह विवाद काफी समय से चल रहा था और कोर्ट तक पहुंच चुका था। अब समझौते के बाद प्लॉट कमर्शियल निर्माण के लिए तैयार है। इससे न केवल कानूनी विवादों से राहत मिलेगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। नए व्यावसायिक केंद्र से स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आसपास के इलाके का विकास भी सुनिश्चित होगा।