Income Tax News: अब जमीन में नकद पैसा लगाकर टैक्स से बच निकलना आसान नहीं होगा। Income Tax विभाग ने गोरखपुर में बीते तीन वर्षों (2022–2025) में हुई रजिस्ट्री का रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है। लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर के आठ वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को गोरखपुर सदर रजिस्ट्री कार्यालय का दौरा किया। यहां उन्होंने पांच घंटे तक दस्तावेजों की बारीकी से जांच की और करीब 54,000 रजिस्ट्री की सॉफ्ट कॉपी अपने साथ ले गए।
इस जांच का फोकस मुख्यतः 10 लाख रुपये से अधिक की रजिस्ट्री पर है, जिनमें फर्जी पैन कार्ड के उपयोग की आशंका जताई गई है। अधिकारी बताते हैं कि कई मामलों में पहली नजर में ही पैन कार्ड की वैधता को लेकर संदेह हो गया। खास बात यह है कि इन रजिस्ट्रियों के जरिए नकद निवेश करने वालों की भी पहचान की जा रही है, ताकि काले धन का पता लगाया जा सके।
Income Tax विभाग की एक विशेष क्राइम एंड डाटा एनालिसिस टीम ने इस दौरान तीन साल की 75 बड़ी रजिस्ट्री डीड की कॉपी अलग से जुटाई है। इन दस्तावेजों में विक्रेता, खरीदार, भूमि का रकबा, तिथि और राजस्व गांव की जानकारी शामिल होती है, जो जांच के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। विभाग अब यह जांच कर रहा है कि कितने लोगों ने फर्जी या किसी और के पैन कार्ड का इस्तेमाल करके जमीन की खरीदारी की।
इस बीच, रजिस्ट्री विभाग के प्रभारी सब-रजिस्ट्रार रजत श्रेष्ठ और सब-रजिस्ट्रार प्रसेनजीत ने साफ किया है कि 21 जुलाई 2025 से बिना पैन कार्ड सत्यापन के कोई रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। अब हर रजिस्ट्री से पहले दस्तावेजों की पूरी जांच और पैन कार्ड की पुष्टि की जा रही है, जिससे भविष्य में फर्जीवाड़े की संभावना नगण्य हो गई है।
Income Tax विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि जिन लोगों ने अपनी आय से अधिक राशि का निवेश जमीन में किया है और उसका स्रोत नहीं बता सके, उन्हें नोटिस भेजा जाएगा और उन पर टैक्स की वसूली के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। विभाग यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि सभी रजिस्ट्री इंडेक्स के माध्यम से ट्रेस की जा सकें ताकि कोई जानकारी छूट न जाए।
यह कार्रवाई उन सभी लोगों के लिए चेतावनी है, जो अब तक जमीन में नकद लगाकर टैक्स चोरी कर रहे थे। अब हर दस्तावेज, हर लेन-देन और हर पहचान आयकर विभाग की निगरानी में है।