IAS Medha Roopam DM: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार रात प्रशासनिक हलकों में बड़ा फेरबदल किया, जिसमें 23 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए। इनमें सबसे चर्चित नाम मेधा रूपम का है, जिन्हें गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह कासगंज की डीएम थीं और अब वे राजधानी क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण जिलों में से एक की कमान संभालने जा रही हैं।
शूटर से आईएएस तक का सफर
IAS Medha Roopam 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, जिनका जन्म 21 अक्टूबर 1990 को आगरा में हुआ था। बचपन के वर्षों में वह केरल में पली-बढ़ीं, जहां उनके पिता ज्ञानेश कुमार गुप्ता केरल कैडर में आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। मेधा की स्कूली पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में केरल स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीतकर राज्य रिकॉर्ड बनाया। वह एक राष्ट्रीय स्तर की शूटर और राज्य स्तर की तैराक भी रहीं।
अपने पिता से प्रेरणा लेकर उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया। 2014 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना साकार किया।
निजी जीवन और प्रशासनिक अनुभव
लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी, मसूरी में प्रशिक्षण के दौरान मेधा की मुलाकात मनीष बंसल से हुई, जो उसी बैच के आईएएस अधिकारी हैं। दोनों ने विवाह किया और अब दो बच्चों के माता-पिता हैं। पति के यूपी कैडर में होने के कारण मेधा ने भी अपना कैडर बदला और उत्तर प्रदेश में सेवा शुरू की।
उनकी पहली तैनाती बरेली में सहायक मजिस्ट्रेट के रूप में हुई, जिसके बाद वह मेरठ, उन्नाव, हापुड़ और बाराबंकी जैसे जिलों में जिम्मेदार पदों पर कार्य कर चुकी हैं। लखनऊ में विशेष सचिव और ग्रेटर नोएडा में ACEO रहते हुए उन्होंने जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी जैसे महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को गति दी।
नोएडा से उम्मीदें
कासगंज में डीएम रहते हुए IAS Medha Roopam ने गांवों में जाकर जलभराव जैसी समस्याओं का निरीक्षण किया, जिसकी तस्वीरें वायरल हुईं। अब नोएडा में उनसे तेज फैसलों, ज़मीन से जुड़े कार्य और ड्रीम प्रोजेक्ट्स में प्रगति की अपेक्षा की जा रही है।
नोएडा पुलिस प्रमुख लक्ष्मी सिंह के साथ उनकी जोड़ी प्रशासन में महिला नेतृत्व का नया उदाहरण पेश कर सकती है। जनता को उनसे उम्मीद है कि वह प्रशासन को और ज्यादा जवाबदेह और संवेदनशील बनाएंगी।