Jaunpur news: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में शुक्रवार की रात एक अप्रत्याशित घटना घटी, जब करीब 20 से 25 किन्नरों ने इमरजेंसी वार्ड में घुसकर जमकर हंगामा किया। बताया गया कि इलाज न मिलने से नाराज़ एक घायल किन्नर ने अपने समुदाय को बुलाया, जिसके बाद अस्पताल में मारपीट और तोड़फोड़ शुरू हो गई। इस दौरान डॉ. पवन सिंह के साथ जमकर मारपीट की गई और बीच-बचाव करने आए तीन अन्य स्टाफ – नर्सिंग ऑफिसर, फार्मासिस्ट और वार्डबॉय – भी चोटिल हो गए।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, किन्नरों ने अस्पताल के अंदर अपने कपड़े उतारकर अशोभनीय व्यवहार किया और यहां तक कि सर्जिकल टेबल पर चढ़कर मारपीट की। करीब 45 मिनट तक अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा, लेकिन मौजूद सुरक्षाकर्मी मूकदर्शक बने रहे। वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
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क्यों हुआ हंगामा?
बताया जा रहा है कि शाम को एक किन्नर को कुछ लोगों ने पीट दिया था। घायल किन्नर इलाज के लिए Jaunpur अस्पताल पहुंची, लेकिन डॉक्टरों ने बिना इलाज किए वापस भेज दिया। नाराज होकर वह अपनी गुरु अक्षिता के पास पहुंची, जिन्होंने समुदाय के अन्य किन्नरों को बुलाकर अस्पताल का रुख किया। किन्नर प्रमुख अक्षिता ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने इलाज से मना कर गाली-गलौच और धक्का-मुक्की की, जिसका विरोध करने पहुंचे किन्नरों ने अस्पताल में हंगामा किया।
वहीं डॉक्टरों की ओर से बताया गया कि बिना पुलिस केस के गंभीर मारपीट के मरीज का इलाज करना संभव नहीं था, इसलिए FIR लाने की बात कही गई थी। इसी बात पर विवाद बढ़ गया, जो अंततः हिंसा में बदल गया।
Jaunpur पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही Jaunpur पुलिस अस्पताल पहुंची, लेकिन तब तक अधिकांश किन्नर मौके से फरार हो चुके थे। कोतवाली प्रभारी मिथिलेश कुमार के अनुसार, अज्ञात किन्नरों के खिलाफ हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। अस्पताल में लगे CCTV कैमरों की मदद से आरोपियों की पहचान की जा रही है।
अस्पताल प्रशासन का विरोध
सीएमएस डॉ. केके राय ने घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि मेडिकल स्टाफ पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे।
किन्नर समुदाय की ओर से सफाई
घटना के बाद किन्नर समुदाय के प्रतिनिधियों ने शनिवार को जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र से मुलाकात की और निष्पक्ष जांच की मांग की। डीएम ने आश्वासन दिया कि घटना की पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी—चाहे वो घायल किन्नर को चोट कैसे लगी, या फिर अस्पताल में इलाज क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि किन्नर समुदाय समाज का अभिन्न अंग है और उनके साथ सहानुभूति जरूरी है, लेकिन कानून व्यवस्था से कोई ऊपर नहीं है। यह घटना न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों के साथ बेहतर व्यवहार और संवाद की ज़रूरत को भी रेखांकित करती है। प्रशासन और पुलिस की निष्पक्ष जांच पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं।