Operation Sindoor: 7 मई 2025 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर जोरदार हमला किया। इस कार्रवाई का कोडनेम ‘Operation Sindoor’ रखा गया, जिसे पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब माना जा रहा है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। सेना के इस जवाबी हमले को देशभर में सराहना मिली, लेकिन इसके नाम को लेकर राजनीतिक हलकों में बहस शुरू हो गई।
Operation Sindoor के तहत भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना ने मिलकर रात 1:05 बजे से 1:51 बजे के बीच कई ठिकानों पर निशाना साधा। बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने ध्वस्त किए गए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें लश्कर के छह कमांडर भी शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखा, जिसे पहलगाम हमले में विधवा हुई महिलाओं को श्रद्धांजलि के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि, इस नाम को लेकर विपक्ष ने नाराज़गी जताई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माजी ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन का नाम धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है और इससे तटस्थता भंग होती है। उनका कहना है कि ‘सिंदूर’ एक खास धर्म का प्रतीक है और इसका राजनीतिक उद्देश्य हो सकता है। कांग्रेस नेता उदित राज ने भी इसी तरह की राय जाहिर की और तटस्थ नाम की आवश्यकता पर जोर दिया।
बाद में उदित राज ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सफाई दी कि उन्होंने केवल नाम पर चर्चा की थी, न कि सेना की कार्रवाई की आलोचना। बावजूद इसके, भाजपा नेताओं ने विपक्ष के इन बयानों की तीखी आलोचना की। भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि यह हिंदू संस्कृति का अपमान है।
इस विवाद के बावजूद Operation Sindoor की सफलता पर देशभर में खुशी जताई गई। मऊ समेत कई जगहों पर लोगों ने मिठाइयाँ बाँटीं और सेना के पराक्रम का जश्न मनाया। सरकार ने 8 मई को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है ताकि सभी नेताओं को इस ऑपरेशन की जानकारी दी जा सके।
यह विवाद दिखाता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी राजनीतिक और सांस्कृतिक संतुलन बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण है।