ITI Students Jobs: उत्तर प्रदेश में आईटीआई पास छात्रों की रोजगार बाजार में स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। जनवरी से मई 2025 के बीच आयोजित 17 रोजगार मेलों में कंपनियों ने आईटीआई छात्रों को बहुत कम मौका दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी मुख्य वजह आईटीआई में चल रहे पुराने तकनीकी कोर्स हैं, जिनकी आधुनिक उद्योगों में कोई खास उपयोगिता नहीं रह गई है। कंपनियां अब ऐसे युवाओं को प्राथमिकता दे रही हैं जो ड्रोन, एआई या रोबोटिक्स जैसे नए क्षेत्रों में दक्षता रखते हों। लगातार घटते अवसरों और कम प्लेसमेंट के चलते अब सरकार ने पुराने कोर्सों की समीक्षा और बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है।
पुराने कोर्सों की वजह से आईटीआई छात्रों को नहीं मिल रही नौकरियां
लखनऊ के ITI अलीगंज में बीते पांच महीनों में लगे रोजगार मेलों में फिटर और मैकेनिकल जैसे ट्रेड से प्रशिक्षित छात्रों को बेहद कम जॉब ऑफर मिले। इसके विपरीत अन्य क्षेत्रों से पढ़े छात्रों को तुरंत नियुक्तियां मिल रही हैं। मारुति, टाटा मोटर्स और हीरो जैसी बड़ी कंपनियां भी अब आईटीआई पास छात्रों को प्राथमिकता नहीं दे रहीं। कंपनियों का फोकस अब उन युवाओं पर है जिन्होंने नई तकनीकों में प्रशिक्षण लिया हो। इस ट्रेंड की वजह से आईटीआई के पारंपरिक कोर्स अप्रासंगिक हो गए हैं और छात्र नौकरी पाने से चूक रहे हैं।
ITI छात्रों का सेलेक्शन दर बेहद कम
ITI अलीगंज से मिले आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से मई 2025 तक आयोजित 17 रोजगार मेलों में कुल 3227 उम्मीदवारों को रोजगार मिला, जिनमें से 2215 नॉन-आईटीआई छात्र थे। वहीं आईटीआई पास युवाओं की संख्या सिर्फ 403 रही। इससे स्पष्ट है कि कंपनियां पुराने तकनीकी कौशल वाले छात्रों के बजाय उच्च शिक्षित या आधुनिक स्किल वाले उम्मीदवारों को चुन रही हैं। यही कारण है कि आईटीआई छात्रों का चयन प्रतिशत हर महीने घटता जा रहा है।
5 महीने के रोजगार मेला आंकड़े
महीना | कंपनियां | प्रतिभागी | आईटीआई पास | नॉन-आईटीआई पास |
---|---|---|---|---|
जनवरी | 06 | 2274 | 40 | 1641 |
फरवरी | 01 | 133 | 00 | 100 |
मार्च | 03 | 73 | 00 | 60 |
अप्रैल | 20 | 1247 | 00 | 901 |
मई | 16 | 1490 | 363 | 587 |
814 संस्थान बंद, 21 हजार इकाइयों ने छोड़ा साथ
देशभर में ITI की करीब 26 लाख सीटों के मुकाबले सिर्फ 12–14 लाख छात्रों का हर साल एडमिशन हो पाना दिखाता है कि युवाओं का रुझान कम हो रहा है। बीते एक साल में 814 आईटीआई संस्थानों ने अपनी मान्यता छोड़ी है और पांच सालों में 4.49 लाख सीटें खाली रही हैं। अब उत्तर प्रदेश सरकार आईटीआई पाठ्यक्रमों में बदलाव करने जा रही है। एससीवीटी द्वारा पुराने 206 कोर्सों को हटाकर रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी और फैशन डिजाइनिंग जैसे कोर्स जोड़े जाएंगे।
पांच सालों में जिन कोर्सों में 30% से कम नामांकन हुए हैं, उन्हें बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आईटीआई छात्रों के सामने अब नई तकनीक सीखना ही एकमात्र रास्ता रह गया है। सरकार को तेजी से पुराने पाठ्यक्रम हटाकर उद्योग की मांग के अनुसार नए कोर्स लागू करने होंगे, वरना लाखों छात्रों का भविष्य अधर में रहेगा।