Uttar Pradesh storm: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बुधवार देर रात आए तेज़ तूफान ने जमकर तबाही मचाई। भारी बारिश, ओलावृष्टि और 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने 12 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे अब तक 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा का असर मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद, हापुड़, सहारनपुर, अमरोहा, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, बस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र और संभल जैसे जिलों में सबसे अधिक देखने को मिला।
मेरठ के रूहासा गांव में पेड़ गिरने से एक किसान की जान चली गई, जबकि मोदीपुरम इलाके में एक डॉक्टर की कार पर भारी यूनीपोल गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बिजनौर में पुलिस कांस्टेबल पुष्पेंद्र समेत 5 लोग तूफान की चपेट में आकर मारे गए। गोरखपुर और बस्ती में भी आकाशीय बिजली गिरने और तेज़ हवाओं के कारण कई जानें गईं। हादसों में घायल हुए लोगों का इलाज विभिन्न जिला अस्पतालों में चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
गाजियाबाद और नोएडा जैसे शहरी इलाकों में ओलावृष्टि और आंधी ने कई वाहनों और घरों को नुकसान पहुंचाया। बिजली के खंभे और पेड़ जगह-जगह गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गईं और कई इलाकों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। सैकड़ों घरों में पानी भर गया और लोगों को रातभर अंधेरे में गुजारना पड़ा।
Uttar Pradesh सरकार ने इस आपदा को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को त्वरित राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालात की निगरानी करते हुए मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें राहत व बचाव कार्यों में जुटी हैं।
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि यह तूफान पश्चिमी Uttar Pradesh में बने चक्रवाती परिसंचरण के कारण आया, जिससे इस प्रकार की घातक स्थिति उत्पन्न हुई। आगामी 24 घंटों में बस्ती, गोंडा, बहराइच जैसे जिलों में फिर से ओलावृष्टि और आंधी की आशंका जताई गई है। लोगों से घरों में रहने और सतर्कता बरतने की अपील की गई है।