Janmashtami Puja Samagri: इस साल जन्माष्टमी पूजा 16 अगस्त 2025 की रात्रि को की जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म रात्रि में हुआ था, इसीलिए जन्माष्टमी पूजा रात 12 बजे की जाती है। जन्माष्टमी की पूजा में गंगाजल, चावल, फल, नारियल, बांसुरी, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी), तुलसी के पत्ते, माखन-चीनी, दीपक, रोली, मोर पंख, सुपारी, पीले फूल, धूप सहित कई सामग्रियों की आवश्यकता होती है, तो चलिए जानते हैं कि जन्माष्टमी की पूजा में और किन-किन सामग्रियों का खास रुप से उपयोग किया जाता है।
जन्माष्टमी पूजा की लिस्ट
- बाल गोपाल के लिए झूला और नए वस्त्र
- हल्दी
- सफेद कपड़ा
- लौंग
- इत्र
- अगरबत्ती
- फल और कपूर
- अक्षत
- मक्खन
- केसर
- छोटी इलायची
- कलश
- छोटी बांसुरी
- नया आभूषण
- पान का पत्ता
- सुपारी
- गंगा जल
- इत्र
- सिक्के
- मुकुट
- लाल कपड़ा
- कुमकुम
- नारियल
- मौली
- तुलसी के पत्ते
- चंदन
- दीपक
- मोर पंख
- तुलसी के पत्ते
- सरसों का तेल या घी
- रूई की बत्ती
- अगरबत्ती
जन्माष्टमी भोग की लिस्ट
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर भगवान कृष्ण को उनकी प्रिय वस्तुएँ अर्पित करनी चाहिए। यदि आप इस दिन श्री कृष्ण को माखन-मिश्री, दूध-दही, मिठाई और फल अर्पित करते हैं, तो आप उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकेंगे।