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बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा, देना होगा यह एग्जाम

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नए साल से पहले नीतीश सरकार ने बिहार में नियोजित शिक्षकों को तोहफा दिया है। मंगलवार को कैबिनेट ने की बैठक में कुल 29 एजेंडो पर मुहर लगी। कैबिनेट की बैठक में बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को स्वीकृति दी गई।

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कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के बाद नियमित ब्रीफिंग में बिहार कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया गया कि बिहार विद्यालय विशिष्ठ शिक्षक नियमावली 2023 को मंजूरी दी है, उसके अनुसार राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा का नाम सक्षमता परीक्षा दिया गया है। सक्षमता परीक्षा एक साल के अंदर ली जाएगी। पास होने के लिए तीन मौके मिलेंगे। अगर पास हो गए, तो राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाएगा। लेकिन फेल हो गया जानबूझकर परीक्षा में शामिल नहीं हुए, तो इस बारे में सरकार की ओर से निर्णय लिया जाएगा।

सहायक अध्यापक कहलाएंगे नियोजित शिक्षक

नीतीश कैबिनेट के फैसले से नियोजित शिक्षकों को अब बिहार के अन्य कर्मचारियों की तरह कई सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। करीब पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को इस नियमावली का लाभ मिलेगा। इस फैसले के बाद अब राज्य के नियोजित शिक्षक सहायक अध्यापक कहलाएंगे। वहीं नियोजित शिक्षक को राज्यकर्मी का दर्जा मिलते ही उन्हें ऐच्छिक स्थानांतरण, प्रमोशन, वेतन बढ़ोतरी और महंगाई भत्ता समेत अन्य सभी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। नियोजित शिक्षकों को भी अब सभी कटौती के बाद बीपीएससी पास शिक्षकों के जितना ही सैलरी दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि नियोजित शिक्षकों को सारी कटौती के बाद करीब 40 से 45 हजार रुपये प्रति महीने का वेतन दिया जाएगा।

बिहार शिक्षा को दुरुस्त करने वाले अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा कि इस नियमावली के गठन के बाद वर्तमान पंचायती राज और नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त कार्यरत शिक्षकों-पुस्तकालयाध्यक्ष को फायदा मिलेगा। इस फैसले के बाद राज्य में प्रारंभिक -माध्यमिक शिक्षा के प्रभावी प्रबंधन और शिक्षा में गुणवत्ता में सुधार से राज्य में शैक्षणिक वातावरण का निर्माण हो सकेगा।

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