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Viral Fever: उन्नाव में फैल रहा रहस्यमयी बुखार! जानिए क्या है ये बीमारी और बच्चों को आईटीवी से कैसे बचाएं

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Unnao Child deaths: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में रहस्यमयी बुखार बच्चों की जान ले रहा है। इसकी वजह से 20 दिन में पांच बच्चों की मौत हो चुकी है। जिले में अब तक इस बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या 100 के करीब पहुंच गई है। बुखार के साथ शरीर में दाने भी निकल रहे हैं। कुछ बच्चों को तेज खांसी की समस्या भी हो रही है। जिले के कई इलाकों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। बच्चों की बिगड़ती हालत को देख उन्नाव के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है, लेकिन यह समस्या थमती नजर नहीं आ रही है.

ऐसे में यह जानना जरूरी है कि उन्नाव में फैल रहा यह रहस्यमयी बुखार क्या है और इससे बच्चों की मौत क्यों हो रही है? इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बातचीत की है।

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण शाह ने बातचीत में बताया कि उन्नाव में जो बीमारी फैल रही है वह खसरा है। यह बच्चों के लिए जानलेवा बीमारी है। इसका R मान बहुत अधिक होता है। इससे पीड़ित बच्चा 15 से 18 बच्चों को संक्रमित कर सकता है। आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चे इससे संक्रमित होते हैं। खसरा रोग शरीर के श्वसन तंत्र पर आक्रमण करता है।

इसका वायरस नाक और मुंह से शरीर में प्रवेश करता है और फिर फेफड़ों तक पहुंच जाता है। इससे बच्चों को निमोनिया भी हो जाता है जो कई मामलों में मौत का कारण बनता है। जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उन्हें खसरा होने की संभावना अधिक होती है। विटामिन की कमी से जूझ रहे बच्चों को यह बीमारी आसानी से अपना शिकार बना लेती है।

 

इस तरह यह रोग शुरू होता है

खसरे की शुरुआत बुखार से होती है और फिर शरीर पर दाने निकलने लगते हैं। जिन बच्चों को निमोनिया होता है उन्हें इस वजह से बहुत खांसी भी आती है और उन्हें सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। खसरा का वायरस भी खांसी के जरिए एक बच्चे से दूसरे बच्चे में फैलता है। यही कारण है कि यह बीमारी कम समय में ही कई बच्चों को अपनी चपेट में ले लेती है।

 

क्यों बढ़ रहे हैं मामले

डॉ. अरुण शाह का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से देश के कई इलाकों में खसरे के मामले बढ़ रहे हैं. इसका कारण यह है कि कोरोना महामारी के कारण खसरे के टीकाकरण में काफी कमी आई है। पात्र बच्चों का टीकाकरण नहीं हो सका। इस वजह से यह बीमारी बढ़ती जा रही है। अब सरकार के लिए जरूरी है कि खसरे के टीकाकरण को बढ़ाया जाए क्योंकि यह बीमारी तेजी से फैल रही है। इसके लिए एम-आर वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाना होगा। टीकाकरण से ही खसरे की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

 

खसरे से बचाव के लिए क्या करें

9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को खसरे का टीका लगवाएं
बच्चों के खान-पान का ध्यान रखें
अगर बच्चे को बुखार है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
शरीर पर होने वाले रैशेज को चिकनपॉक्स की समस्या न समझें और तुरंत इलाज कराएं।
अगर घर में किसी बच्चे को बुखार, खांसी या जुकाम है तो दूसरे बच्चों को उससे दूर रखें।
आप नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर टीका लगवा सकते हैं
अगर बच्चे में खसरे के कोई लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत अस्पताल जाएं।

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