Ayodhya circle rate: अयोध्या में आठ साल बाद जमीन के सर्किल रेट में करीब 200 प्रतिशत की भारी वृद्धि की गई है। राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन और उसके बाद के धार्मिक आयोजनों के चलते अयोध्या में जमीन की मांग बढ़ी है, जिससे जमीन के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। जिला प्रशासन ने बाजार मूल्य और इलाके की मांग को ध्यान में रखते हुए सर्किल रेट बढ़ाने का फैसला लिया है। यह नया रेट सोमवार से लागू हो गया है।
राम मंदिर के आसपास के इलाकों में जमीन की कीमतों में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है। तिहुरा मांझा गांव में जहां कृषि भूमि के सर्किल रेट 2017 में 11 लाख रुपये से लेकर 23 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर थे, वे अब बढ़कर 33 लाख से 69 लाख रुपये हो गए हैं। इसके अलावा तिहुरा उपरहार, शाहनवाजपुर माझा और बरहटा माझा जैसे गांवों में भी जमीन के दाम काफी बढ़ाए गए हैं। इन इलाकों में जमीन का सर्किल रेट 75 लाख रुपये से लेकर 221 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गया है।
यह बढ़ोतरी Ayodhya रियल एस्टेट निवेशकों के लिए उत्साहजनक है। यहां अभिनेता अमिताभ बच्चन समेत कई बड़े निवेशकों ने जमीन खरीदी है। यूपी आवास विकास परिषद ने भी इस क्षेत्र में टाउनशिप बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण शुरू कर दिया है। मार्च तक करीब 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया था।
हालांकि, किसानों की अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाईं। कुछ किसानों का कहना है कि सर्किल रेट में वृद्धि उनकी उम्मीदों से कम है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में सर्किल रेट बढ़ाने के लिए मुकदमा लड़ रहे दुर्गा यादव का कहना है कि राम जन्मभूमि के आसपास के गांवों में कम से कम 200 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि होनी चाहिए थी, जिससे किसानों को बेहतर मुआवजा मिल सके।
Ayodhya डीएम निखिल टी. फुंडे ने बताया कि जमीन के सर्किल रेट को तय करते समय बाजार मूल्य, इलाके की सुविधाओं जैसे सड़क, परिवहन, बाजार, सरकारी संस्थान आदि का ध्यान रखा गया है। सर्किल रेट का उपयोग स्टांप ड्यूटी निर्धारण और सरकारी अधिग्रहण के लिए किया जाता है।
Ayodhya में सर्किल रेट में यह पहली बड़ी वृद्धि है, क्योंकि पिछले आठ वर्षों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले ने राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया और उसके बाद से जमीन की मांग में तेजी आई है।
सर्किल रेट की बढ़ोतरी का राजनीतिक असर भी हुआ है। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में जमीन की कीमतों और किसानों की मांगों को लेकर सपा ने जोरदार प्रचार किया था, जिससे भाजपा को इस क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा था।
कुल मिलाकर, अयोध्या अब धार्मिक स्थल के साथ-साथ एक तेजी से बढ़ता हुआ रियल एस्टेट केंद्र भी बन गया है। जमीन के दाम बढ़ने से निवेशकों को लाभ होगा, लेकिन किसानों की संतुष्टि सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए चुनौती बनी रहेगी।