Azamgarh police attack: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के कमालपुर गांव में एक शादी समारोह उस समय हिंसा में तब्दील हो गया जब डीजे की तेज आवाज को लेकर विवाद ने उग्र रूप ले लिया। 5 जून की रात यह मामूली कहासुनी एक बड़े हंगामे में बदल गई, जब दो पक्षों के बीच टकराव हुआ और हालात काबू से बाहर हो गए। पुलिस को बुलाया गया, लेकिन शांति स्थापित करने गई टीम पर ही हमला हो गया।
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जिला आजमगढ़ में थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह पर हमला। जमीन पर गिराकर लाठी–डंडों से पीटा।DJ बजाने को लेकर 2 पक्षों में विवाद हुआ था। पुलिस गांव पहुंची। दोनों पक्षों को थाने पर ला रही थी, तभी हमला कर दिया।
17 आरोपी फूलचंद, सर्वेश, लकी, गौतम,आकाश, सिंकू, विपिन,… pic.twitter.com/lmFiSy7NbU
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) June 19, 2025
थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो वहां मौजूद भीड़ हिंसक हो गई। पुलिस पर अचानक लाठी-डंडों, ईंटों और पत्थरों से हमला कर दिया गया। वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि थाना प्रभारी को जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा गया। घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और Azamgarh पुलिस बल को मौके पर तैनात करना पड़ा।
Azamgarh पुलिस ने इस मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें फूल चंद, सर्वेश, लकी, गौतम, आकाश, सिंकू, विपिन, चंद्रेश, रितिक, राकेश, विशाल, मनोज, शर्मिला, शिवमूर्ति, संगम, मनकू और ऋषभ के नाम शामिल हैं। इन पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। एसपी हेमराज मीना ने घटनास्थल का दौरा करते हुए कहा कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।
इस हमले ने राज्य में कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर आम लोग और राजनीतिक विश्लेषक इस घटना को लेकर आक्रोशित हैं। कई लोगों ने पुलिसकर्मियों की सुरक्षा और ऐसे अपराधों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। विपक्ष ने इसे सरकार की विफलता बताते हुए पुलिस की हालत पर सवाल उठाए हैं।
यह कोई पहली घटना नहीं है जब डीजे को लेकर विवाद हिंसा में बदल गया हो। पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं, जिससे यह साफ होता है कि समाज में इस तरह की संवेदनशीलता किस कदर बढ़ रही है। पुलिस ने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि किसी भी विवाद की स्थिति में कानून को सूचित करें, न कि खुद कानून हाथ में लें।
सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जनता न्याय और सुरक्षा की मांग कर रही है। प्रशासन पर दबाव है कि वह दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोके।