UP Link Expressway: उत्तर प्रदेश में आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए 50 किलोमीटर लंबा नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इससे लखनऊ के भीतर ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और पूर्वी-पश्चिमी यूपी के बीच तेज और सीधी यात्रा संभव होगी।
UP Link Expressway परियोजना का संक्षिप्त विवरण
- नाम: आगरा-लखनऊ से पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे (लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है)
- प्रकार: 6-लेन का नियंत्रित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, भविष्य में 8-लेन तक बढ़ाया जा सकेगा
- लंबाई: लगभग 49.96 किलोमीटर (रिपोर्टों में 50 किमी के रूप में भी उल्लेखित)
- लागत: करीब ₹4,776 करोड़
- स्थान: लखनऊ जिले में मोहन और मोहनलालगंज के पास से गुजरते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा
- उद्देश्य: लखनऊ के ट्रैफिक को बायपास करना, यात्रा का समय कम करना, और यूपी के पूर्वी व पश्चिमी भागों के बीच व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना
परियोजना की आवश्यकता और महत्व
वर्तमान में आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बीच सीधा कनेक्शन नहीं है, जिससे यात्रियों को शहर के भीड़-भाड़ वाले रास्तों से गुजरना पड़ता है। यह नया UP Link Expressway इस दूरी को तेजी से पूरा करेगा। इससे पूर्वांचल, NCR और दिल्ली के बीच आवागमन आसान होगा। यह एक्सप्रेसवे व्यापारिक क्षेत्रों को जोड़ेगा, धार्मिक स्थलों तक आसान पहुंच देगा, और औद्योगिक, शैक्षिक व स्वास्थ्य संस्थानों के विकास को भी गति देगा।
UP Link Expressway परियोजना की स्थिति और समयसीमा
- मंजूरी: यूपी सरकार ने 3 जुलाई 2025 को ₹4,776 करोड़ की परियोजना को स्वीकृति दी।
- वर्तमान स्थिति:
- फिजिबिलिटी और DPR: नवंबर 2023 में UPEIDA ने डीपीआर तैयार करने के लिए कंसल्टेंट चयन की प्रक्रिया शुरू की थी। डीपीआर अब भी तैयार होना बाकी है।
- निर्माण अनुबंध: मार्च 2024 में नोएडा की एमएस पार्क फ्यूचरिस्टिक कंपनी को निर्माण कार्य सौंपा गया।
- भूमि अधिग्रहण: अब तक भूमि अधिग्रहण शुरू नहीं हुआ है, जो परियोजना की प्रगति में अगला बड़ा कदम होगा।
- सम्भावित समयसीमा: निर्माण कार्य DPR और भूमि अधिग्रहण के बाद शुरू होगा। महाकुंभ 2025 जैसे बड़े आयोजनों को ध्यान में रखते हुए सरकार इसे प्राथमिकता दे रही है।
रूट और कनेक्टिविटी का नक्शा
- शुरुआत: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के लखनऊ स्थित पहले टोल प्लाजा के पास से
- अंत: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के गोसाईगंज के नजदीक चंद सराय गांव के पास
- रूट: लखनऊ के बाहरी हिस्सों में मोहन और मोहनलालगंज से होकर गुजरेगा ताकि शहर के भीतरी ट्रैफिक से बचा जा सके
- मुख्य कनेक्शन:
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (302 किमी, 6-लेन)
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (340.8 किमी, 6-लेन)
- लंबी दूरी की कनेक्टिविटी: यह रूट NCR, दिल्ली, आगरा, लखनऊ, पूर्वांचल और बिहार को एक सीधी और तेज कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
प्रमुख विशेषताएं और बुनियादी ढांचा
- डिज़ाइन: 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, भविष्य में 8-लेन तक बढ़ाया जा सकता है
- सुविधाएं:
- विश्राम स्थल, फूड कोर्ट, ढाबा, मोटल, पेट्रोल पंप, बड़े पार्किंग क्षेत्र
- यूपी ईवी नीति 2022 के तहत ईवी चार्जिंग स्टेशन
- उन्नत ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (CCTV, कंट्रोल रूम, स्पीड गवर्नर)
- ‘एक्सप्रेसवे मित्र’ मोबाइल एप्लिकेशन द्वारा रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट
- सुरक्षा उपाय:
- 24 घंटे पेट्रोलिंग, आपातकालीन एंबुलेंस, ई-चालान सिस्टम, गलत दिशा में ड्राइविंग और तेज रफ्तार पर नियंत्रण
- औद्योगिक विकास: एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक कॉरिडोर और नई बस्तियां बसाने की योजना, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे
जुड़ी हुई मुख्य एक्सप्रेसवे परियोजनाएं
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
- लंबाई: 302.22 किमी
- शुरुआत: आगरा का इनर रिंग रोड
- अंत: लखनऊ में SH-40
- लाभ: आगरा से लखनऊ की यात्रा 6 घंटे से घटकर 3.5 घंटे हो गई
- विशेष: बांगर्मऊ में 3 किमी की आपातकालीन हवाई पट्टी, फास्टैग टोल, ATMS
- हालिया विकास: 2024 में ₹1,939 करोड़ से 8-लेन विस्तार स्वीकृत
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
- लंबाई: 340.8 किमी
- शुरुआत: चंद सराय गांव, लखनऊ
- अंत: हयदरिया गांव, गाजीपुर
- लाभ: लखनऊ से गाजीपुर की यात्रा 12 घंटे से घटकर 5.5 घंटे
- विशेष: सुल्तानपुर में 3.2 किमी की हवाई पट्टी, 6 टोल प्लाजा, धार्मिक स्थलों से बेहतर कनेक्टिविटी
- संबंधित परियोजनाएं: गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (91.3 किमी, लगभग तैयार), बक्सर-गाजीपुर एलिवेटेड रोड (योजना में)
मुख्य फायदे
- यात्रा का समय बचेगा: लखनऊ शहर के ट्रैफिक से बचने का सीधा रास्ता
- आर्थिक विकास: पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच तेज व्यापारिक आवागमन
- पर्यटन को बढ़ावा: अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर जैसे धार्मिक स्थलों तक आसान पहुंच
- रियल एस्टेट में तेजी: लखनऊ, मोहन, मोहनलालगंज जैसे इलाकों में संपत्ति की मांग बढ़ेगी
- NCR से सीधी कनेक्टिविटी: दिल्ली से बिहार तक एक मजबूत ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर
- नई सुविधाएं: औद्योगिक कॉरिडोर, ईवी चार्जिंग स्टेशन, बेहतर यात्री सुविधा
संभावित चुनौतियां
- भूमि अधिग्रहण: देरी की स्थिति में परियोजना का कार्यकाल प्रभावित हो सकता है
- पर्यावरण स्वीकृति: ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट होने के कारण पर्यावरणीय क्लियरेंस जरूरी
- यातायात नियंत्रण: बढ़ते ट्रैफिक के साथ मजबूत सुरक्षा और प्रबंधन तंत्र की जरूरत
आगरा-लखनऊ से पूर्वांचल को जोड़ने वाला UP Link Expressway उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा देगा। यह न केवल तेज यात्रा और बेहतर कनेक्टिविटी का मार्ग खोलेगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और स्थानीय विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अगर समयबद्ध तरीके से भूमि अधिग्रहण और निर्माण शुरू हो जाए तो यह परियोजना यूपी का परिवहन मानचित्र पूरी तरह बदल सकती है। इस परियोजना से जुड़ी नवीनतम जानकारी के लिए आप UPEIDA की वेबसाइट upeida.up.gov.in देख सकते हैं।