Lucknow-Kanpur Rapid Rail: लखनऊ और कानपुर के बीच सफर करने वाले लोगों के लिए एक नई और तेज़ रफ्तार परिवहन व्यवस्था आने वाली है। मेरठ-दिल्ली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की तर्ज पर अब लखनऊ और कानपुर को जोड़ने के लिए रैपिड रेल कॉरिडोर प्रस्तावित किया गया है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद इन दोनों बड़े शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर केवल 50 मिनट रह जाएगा, जो वर्तमान में करीब दो घंटे का है।
राज्य के आवास विभाग ने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण को इस प्रोजेक्ट के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के निर्देश दिए हैं। DPR में यह जांच की जाएगी कि यह प्रोजेक्ट आर्थिक रूप से कितना लाभदायक होगा, इसमें कितना खर्च आएगा और इससे आम लोगों को कितनी सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार वित्तीय सहयोग प्रदान करेगी। प्रोजेक्ट के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मांगी गई है ताकि आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
प्रोजेक्ट के लिए एक निजी कंसल्टेंट को नियुक्त किया जाएगा, जो बोली प्रक्रिया के बाद DPR बनाएगा। इसके अलावा, लखनऊ और कानपुर को जोड़ने वाला 63 किलोमीटर लंबा छह लेन का एक्सप्रेसवे भी लगभग बनकर तैयार है, जो आने वाले समय में यात्रियों के लिए एक और सुविधाजनक विकल्प बनेगा। यह एक्सप्रेसवे लखनऊ के बनी क्षेत्र से शुरू होकर कांथा और अमरसास होते हुए कानपुर के आज़ाद मार्ग के पास समाप्त होगा।
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शुरुआती जानकारी के मुताबिक, रैपिड रेल कॉरिडोर की लंबाई लगभग 67 किलोमीटर होगी। यह कानपुर के नयागंज से लखनऊ के अमौसी तक प्रस्तावित है। इन दोनों स्थानों को इसलिए चुना गया है क्योंकि यहां मेट्रो सेवाएं पहले से उपलब्ध हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
DPR बनने के बाद इस परियोजना की लागत, रोजाना Lucknow-Kanpur यात्रा करने वाले लोगों की संख्या, भूमि अधिग्रहण की जरूरत, मुआवजा राशि, और प्रोजेक्ट से मिलने वाली कमर्शियल कमाई के बारे में विस्तृत जानकारी सामने आएगी। इस प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के लिए आवास विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें लखनऊ, उन्नाव और कानपुर के डीएम, विकास प्राधिकरणों के अधिकारी और अन्य सीनियर अफसर शामिल हैं।
DPR तैयार करने में करीब चार से छह महीने का समय लगने की उम्मीद है। इसके बाद Lucknow-Kanpur प्रोजेक्ट की व्यवहारिकता की समीक्षा कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से लखनऊ और कानपुर के लोगों को काफी लाभ मिलने वाला है।