Varanasi News: पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश के बाद अब देश की प्रमुख नदियां उफान पर देखने को मिल रही है। इसी क्रम में वाराणसी में गंगा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। रिपोर्ट मिलने तक गंगा का जलस्तर 62 मीटर के करीब पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से करीब 10 मीटर नीचे है। इससे गंगा के तटीय इलाके के लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं। गंगा घाट के पास बने छोटे मंदिर अब डूबने लगे गए हैं, तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
वाराणसी गंगा घाट के नाविक समुदाय से जुड़े शंभू साहनी ने बताया कि- पिछले तीन दिनों से वाराणसी के गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। करीब 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। और अगर अगले कुछ घंटों तक ऐसी ही स्थिति रही तो घाटों का आपसी संपर्क भी टूट जाएगा। फिलहाल नाविक समुदाय की ओर से छोटी नाव का संचालन नहीं किया जा रहा है, बड़ी नावों का संचालन अभी भी जारी है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि पिछले सालों की तुलना में ऐसा कम ही देखने को मिल रहा है कि गंगा का जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ा हो। और निश्चित तौर पर अगर ऐसी स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में बाढ़ का खतरा भी मंडरा सकता है।
आने वाले समय में टूट जाएगा घाटों का संपर्क
आमतौर पर हर साल पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बारिश के बाद वाराणसी में भी गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। हालांकि इस बार स्थिति थोड़ी अलग है क्योंकि बहुत कम समय में ही गंगा के जलस्तर में इतनी बढ़ोतरी देखने को मिली है। वैसे अगर स्थिति ऐसी ही रही तो आने वाले समय में घाटों का संपर्क टूट जाएगा। इसके अलावा घाटों पर होने वाले दाह संस्कार और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन स्थल में भी बदलाव संभव है। इन हालातों में लोगों की रोजी-रोटी पर सीधा असर पड़ता है।