Lucknow sex racket: Lucknow में एक चौंकाने वाले सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें उज्बेकिस्तान से आई दो महिलाओं को पकड़ा गया है। इस रैकेट की सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि पकड़ी गई महिलाओं ने प्लास्टिक सर्जरी करवाकर अपनी पहचान बदल ली थी ताकि वे भारत में लंबे समय तक अवैध रूप से रह सकें। पुलिस और एफआरआरओ की टीम की संयुक्त कार्रवाई में यह खुलासा हुआ कि इन महिलाओं को भारत लाने में एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह की बड़ी भूमिका थी। इस गिरोह का संचालन उज्बेक महिला लोला कायूमोवा कर रही थी, जो कथित पत्रकार त्रिजिन राज के साथ मिलकर इस पूरे नेटवर्क को चला रही थी। मामले ने लखनऊ के स्पा सेंटर्स में चल रही अवैध गतिविधियों की गंभीरता उजागर कर दी है।
उज्बेकिस्तानी महिलाओं की गिरफ्तारी का मामला
21 जून 2025 को लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में ओमेक्स न्यू हजरतगंज अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 527 में Lucknow पुलिस और एफआरआरओ की टीम ने संयुक्त छापा मारा। यहां से उज्बेकिस्तान की दो महिलाएं, नीलोफर और होलिडा, पकड़ी गईं। जांच में पता चला कि दोनों महिलाएं बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत में रह रही थीं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे करीब दो साल पहले भारत आई थीं और अपने दस्तावेज “खोने” का बहाना बना रही थीं।
प्लास्टिक सर्जरी से पहचान बदलने की साजिश
नीलोफर और होलिडा ने भारत में लंबे समय तक रहने के लिए Lucknow के डॉ. विवेक गुप्ता से प्लास्टिक सर्जरी करवाई थी। सर्जरी का मकसद उनके चेहरे को इस तरह बदलना था कि वे भारतीय या रशियन दिखें, जिससे वे स्थानीय माहौल में आसानी से घुलमिल सकें। डॉक्टर ने न तो दस्तावेज देखे और न ही किसी वैधानिक प्रक्रिया का पालन किया। इस सर्जरी के बदले डॉक्टर ने मोटी रकम वसूली और उन्हें अपने ही फ्लैट में पनाह भी दी।
सेक्स रैकेट की सरगना और नेटवर्क का विस्तार
Lucknow पुलिस की जांच में सामने आया कि इस रैकेट की मास्टरमाइंड उज्बेक महिला लोला कायूमोवा थी, जो लखनऊ में त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा के साथ लिव-इन में रह रही थी। लोला ने नीलोफर और होलिडा को भारत लाकर उन्हें स्पा सेंटर्स में अवैध गतिविधियों में शामिल किया। त्रिजिन, जो खुद को पत्रकार बताता था, इस रैकेट के प्रबंधन में सक्रिय था और फ्लैट्स व क्लाइंट्स की व्यवस्था देखता था।
पुलिस की कार्रवाई और फरार आरोपी
छापेमारी के दौरान Lucknow पुलिस ने नीलोफर और होलिडा को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन डॉक्टर विवेक गुप्ता और त्रिजिन राज मौके से फरार हो गए। डॉक्टर के क्लीनिक और त्रिजिन के घर पर ताले मिले। दोनों के खिलाफ विदेशी अधिनियम, धोखाधड़ी, और विदेशी पंजीकरण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि डॉक्टर ने पहले कितनी विदेशी महिलाओं की पहचान बदलने में मदद की है।
लखनऊ में रशियन गर्ल्स की बढ़ती मांग
Lucknow पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ में रशियन दिखने वाली लड़कियों की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि लखनऊ में करीब 1000 से ज्यादा विदेशी महिलाएं, खासतौर पर उज्बेकिस्तान, थाईलैंड और म्यांमार से, स्पा सेंटर्स के नाम पर अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं। कई महिलाएं टूरिस्ट वीजा पर आती हैं और दस्तावेजों की वैधता खत्म होने के बाद भी यहीं रह जाती हैं।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
- मई 2021: लखनऊ के एक स्पा सेंटर में काम करने वाली थाईलैंड की एक युवती की बीमारी से मौत हो गई थी।
- 11 मार्च 2025: विभूतिखंड में उज्बेकिस्तान की एक महिला की संदिग्ध हालात में मौत हुई थी।
- 20 अप्रैल 2025: सुशांत गोल्फ सिटी के एक स्पा से छह थाई महिलाएं अवैध रूप से काम करते पकड़ी गईं।
थाईलैंड कनेक्शन और ड्रग्स तस्करी
लोला कायूमोवा थाईलैंड के रास्ते कई उज्बेकिस्तानी महिलाओं को भारत लाने में मदद कर रही थी। डॉक्टर विवेक गुप्ता ने थाईलैंड यात्रा के दौरान लोला से संपर्क बनाया, जिसके बाद लोला लखनऊ आई और त्रिजिन के साथ रहने लगी। इस रैकेट में स्पा सेंटर्स की आड़ में नशीली दवाओं की तस्करी की बात भी सामने आई है। अप्रैल और जून 2025 में कुछ थाई महिलाओं के पास से हाइड्रोपोनिक वीड जैसे महंगे नशीले पदार्थ बरामद किए गए थे।
वर्तमान स्थिति और जांच का दायरा
नीलोफर और होलिडा इस समय एफआरआरओ की निगरानी में हैं और उन्हें उज्बेकिस्तान वापस भेजने की तैयारी चल रही है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही हैं। साथ ही, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, अवैध नागरिकता और अंतरराष्ट्रीय अपराध के तार भी जोड़े जा रहे हैं।
यह मामला लखनऊ में चल रहे स्पा सेंटर्स की आड़ में हो रहे अंतरराष्ट्रीय सेक्स रैकेट, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, और पहचान बदलने जैसे गंभीर अपराधों को उजागर करता है। पुलिस इस नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ने के लिए गहन जांच में जुटी है। यह मामला स्थानीय और वैश्विक सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन चुका है।
नोट: यह जानकारी समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। कुछ आंकड़ों की जांच अभी लंबित है।