Ram Gopal Yadav News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर Ram Gopal Yadav एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला इंडियन एयर फोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह से जुड़ा है। रामगोपाल पर आरोप है कि उन्होंने मुरादाबाद के बिलारी में 15 मई को एक कार्यक्रम के दौरान व्योमिका सिंह की जाति का उल्लेख करते हुए अपमानजनक टिप्पणी की। इस कथित टिप्पणी के विरोध में भारत रत्न बोधिसत्व बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर महासभा की महिला प्रकोष्ठ ने उनके खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रचना चंद्रा ने आयोग अध्यक्ष बैजनाथ रावत को लिखित शिकायत सौंपी और कहा कि Ram Gopal Yadav की यह टिप्पणी केवल व्योमिका सिंह का ही नहीं, बल्कि पूरे वंचित और अनुसूचित समाज का भी अपमान है। रचना का आरोप है कि व्योमिका सिंह को जाटव और चमार कहकर जानबूझकर नीचा दिखाने की कोशिश की गई। उनका कहना है कि रामगोपाल अगर केवल ‘अनुसूचित जाति’ कह देते तो बात अलग होती, लेकिन उन्होंने उपजाति तक का उल्लेख किया, जो सीधे तौर पर एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम का उल्लंघन है।
इस विवाद को आयोग ने गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच अपने पूर्णकालिक पीठ को सौंप दी है। आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने कहा कि किसी भी महिला अधिकारी के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी अस्वीकार्य है और आयोग इस मामले में निष्पक्ष जांच करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पीड़िता को न्याय दिलाना उनकी प्राथमिकता है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब रामगोपाल यादव ने भाजपा मंत्री के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि “व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव हैं, चमार हैं। सोफिया कुरैशी मुस्लिम हैं और एयर मार्शल भारती पूर्णिया यादव हैं।” इस बयान को PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की राजनीति से जोड़कर देखा गया, लेकिन विरोधियों ने इसे जातीय अपमान करार दिया।
अब जब मामला आधिकारिक रूप से आयोग के संज्ञान में आ चुका है, तो आने वाले समय में इस पर कानूनी प्रक्रिया के तहत सुनवाई और निर्णय की उम्मीद की जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रामगोपाल यादव को इस बयान के लिए कानूनी सजा का सामना करना पड़ेगा या राजनीतिक दबाव से उन्हें राहत मिलेगी।