SRMU lathicharge: बाराबंकी की श्रीरामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) में छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज मामले ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए कड़ा रुख अपनाया है। सीएम के आदेश पर बाराबंकी के सीओ सिटी हर्षित चौहान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं नगर कोतवाल राम किशुन राना, चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह सहित गदिया पुलिस चौकी के सभी कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अयोध्या मंडलायुक्त को विश्वविद्यालय की डिग्री की वैधता की जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही छात्रों पर हुई कार्रवाई की संपूर्ण जांच IG अयोध्या प्रवीण कुमार को सौंपी गई है।
#Barabanki – रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में #ABVP के कार्यकर्ताओं और छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज और बर्बरता के बाद सरकार का डैमेज कंट्रोल. अस्पताल के ट्रामा सेंटर में कार्यकर्ताओं को देखने पहुंचे राज्यमंत्री सतीश शर्मा सहित वरिष्ठ भाजपा नेता. pic.twitter.com/a01C1vPjeC
— Deepak Singh (@SinghDeepakUP) September 1, 2025
छात्रों का आंदोलन और लाठीचार्ज
यह विवाद सोमवार, 1 सितंबर को तब शुरू हुआ जब SRMU के छात्र बिना मान्यता के चलाए जा रहे विधि पाठ्यक्रम का आरोप लगाकर प्रदर्शन करने लगे। छात्रों का कहना है कि उन्हें जिस कोर्स में दाखिला दिलाया गया, उसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता नहीं है, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस घटना में कई छात्र घायल हो गए, जिन्हें मेयो अस्पताल और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं।
लखनऊ के नजदीक बाराबंकी से हैरान करने वाली तस्वीर!!
पुलिस ने ABVP के कार्यकर्ताओं को गिरा गिराकर मारा है।
टॉप सीक्रेट ने ABVP के पदाधिकारियों का इंटरव्यू किया है। ये खुद उनका बयान है।
वे इतनी बुरी तरह पीटे गए हैं कि उनके दर्जनों कार्यकर्ता घायल हैं।
उन्होने टॉप सीक्रेट को… pic.twitter.com/fAJ33wkoyU— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) September 1, 2025
पुलिस और प्रशासन का पक्ष
पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि छात्रों और SRMU प्रशासन के बीच झड़प के बाद स्थिति बिगड़ गई थी। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने पास की पुलिस चौकी और विश्वविद्यालय परिसर में तोड़फोड़ की, जिसके चलते भीड़ को काबू में करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तर) विकास चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। वहीं, विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार प्रो. नीरजा जिंदल ने छात्रों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का विधि पाठ्यक्रम पूरी तरह से बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है।
बीवीपी का विरोध
इस पूरे मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) भी छात्रों के समर्थन में उतर आई है। संगठन के पदाधिकारी आकाश शुक्ला ने आरोप लगाया कि पुलिस ने छात्रों को बेरहमी से पीटा। घटना के विरोध में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने पुतला दहन किया, SRMU प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक मार्च निकाला। एबीवीपी के अवध प्रांत सचिव पुष्पेंद्र बाजपेयी ने चेतावनी दी कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक विश्वविद्यालय कुलपति छात्रों से बातचीत नहीं करते और लॉ डिग्री की मान्यता पर स्पष्ट स्थिति नहीं दी जाती।