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Uttarakhand में मदरसों पर धामी सरकार का बड़ा कदम, बनेगा नया अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण

Uttarakhand

Uttarakhand Madrasa System: उत्तराखंड में मदरसा शिक्षा व्यवस्था को लेकर धामी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। सरकार का इरादा प्रदेश में मदरसों की मौजूदा प्रणाली को बदलकर नई शिक्षा व्यवस्था लागू करने का है। इसके लिए कैबिनेट ने उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, 2025 को मंजूरी दी है। इस विधेयक के तहत एक नया निकाय उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण (USAME) गठित होगा, जो अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता देने और उनके संचालन पर निगरानी रखने का जिम्मेदार होगा।

मदरसों में पाई गई गड़बड़ियों के बाद कार्रवाई

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Uttarakhand में कुल 452 पंजीकृत मदरसे हैं, जबकि 500 से अधिक बिना मान्यता के चल रहे थे। हाल ही में छात्रवृत्ति और मिड-डे मील से जुड़ी भारी गड़बड़ियां सामने आने के बाद सरकार ने 237 मदरसों को बंद कर दिया था। यही कारण है कि धामी सरकार ने अब मदरसों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का निर्णय लिया है।

कैसा होगा नया प्राधिकरण

विधेयक के मुताबिक, USAME में एक अध्यक्ष और ग्यारह सदस्य होंगे। अध्यक्ष अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाला अनुभवी शिक्षाविद होगा, जिसके पास कम से कम 15 वर्ष का अनुभव जरूरी होगा। यह प्राधिकरण मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी समुदायों के शिक्षा संस्थानों को मान्यता देने और उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने का कार्य करेगा।

मदरसों की नई मान्यता प्रक्रिया

वर्तमान में केवल मुस्लिम समुदाय के धार्मिक संस्थानों को मान्यता देने की व्यवस्था थी, लेकिन अब सभी अल्पसंख्यक संस्थान इसके दायरे में आएंगे। Uttarakhand विधेयक लागू होने के बाद 2026-27 शैक्षणिक सत्र से मदरसों को धार्मिक शिक्षा जारी रखने के लिए प्राधिकरण से नई मान्यता लेनी होगी। 1 जुलाई 2026 से मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2016 और अरबी-फारसी मदरसा मान्यता विनियमावली, 2019 स्वतः निरस्त हो जाएंगे।

मान्यता के लिए शर्तें

मान्यता प्राप्त करने के लिए संस्थान का किसी अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा स्थापित और पंजीकृत निकाय (ट्रस्ट, सोसायटी या कंपनी) के तहत संचालित होना अनिवार्य होगा। साथ ही, गैर-अल्पसंख्यक छात्रों का नामांकन 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

पाठ्यक्रम और शिक्षा प्रणाली

USAME अल्पसंख्यक धर्मों और भाषाओं से जुड़े विषयों का पाठ्यक्रम तैयार करेगा। साथ ही, संस्थानों को अतिरिक्त विषयों की परीक्षाएं और मूल्यांकन कराने में मार्गदर्शन देगा। इससे छात्रों को धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ मुख्यधारा की पढ़ाई का अवसर मिलेगा।

शिक्षा में बड़ा बदलाव

Uttarakhand धामी सरकार का यह कदम प्रदेश में शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे मदरसों सहित सभी अल्पसंख्यक संस्थान एक統 व्यवस्था में आएंगे और बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा का संतुलित लाभ मिलेगा।

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