Bank Update: रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा रेपो रेट में बदलाव करने के बाद अब देश के कई बैंकों ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिग (MCLR) को बढ़ा दिया है। इसी क्रम में देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े और अग्रणी बैंक एक्सिस और एचडीएफसी बैंक भी इसमें शामिल हैं। एक्सिस और एचडीएफसी बैंक ने सभी अवधि के लिए सीमांत लागत उधार दरों (MCLR) में बढ़ोत्तरी कर दी है। इसके साथ ही एमसीएलआर से जुड़े सावधि ऋणों की ब्याज दरें में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके बाद बैंक से मिलने वाले लोन की ईएमआई भी बढ़ सकती है और एक्सिस और एचडीएफसी दोनों बैंकों की नई एमसीएलआर दरें भी लागू हो गयी है।
एक्सिस बैंक ने 30 आधार अंकों की वृद्धि
एक्सिस बैंक ने 1-वर्ष की MCLR को बढ़ाकर 8.45% से 8.75% कर दी है, जबकि पिछले दो साल पहले बैंक की एमसीएलआर 8.55% थी जिसकी तुलना में अब बढ़कर 8.85% हो गयी है। वहीं, तीन साल पहले एक्सिस बैंक की एमसीएलआर 8.60% थी, जिसकी तुलना में अब बढ़कर 8.90% हो गयी है। इसके अलावा छह महीने की एमसीएलआर के अनुसार देखे तो अब 8.40% से बढ़कर 8.70% हो गई है और तिमाही के अनुसार देखा जाये तो पहले के मुकाबले एमसीएलआर 8.35% से बढ़कर 8.65% हो गई है। एक्सिस बैंक ने कहा है कि बढ़ी हुई दरें अगली समीक्षा तक मान्य होगी।
सभी लेनदारों की ईएमआई बढ़ेगी
एमसीएलआर में बढ़ोतरी का सामना सभी लेनदारों को नहीं करना होगा, क्योंकि आरबीआई के सर्कुलर के अनुसार एक्सिस बैंक ने 01 अक्टूबर, 2019 से रेपो दर को बाहरी बेंचमार्क उधार दर के रूप में अपनाया है। जिसके बाद सभी नए फ्लोटिंग रेट लोन और क्रेडिट लिमिट को रेपो रेट 01 अक्टूबर, 2019 से जोड़े जाएंगे।
एचडीएफसी ने भी दिया कस्टमर्स को झटका
निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी ने भी प्राइम लेंडिंग रेट (RPLR) में 35 बेसिस प्वाइंट यानी 0.35 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का फैसला किया है, जिसके बाद होम लोन में कम से कम 8.65 प्रतिशत की वृद्धि होगी। एचडीएफसी बैंक ने बताया कि बढ़ी हुई होमलोन ब्याज दरें केवल उन्हीं ग्राहकों पर लागू होगी, जिनका क्रेडिट कार्ड स्कोर 800 या उससे ज्यादा होगा। एचडीएफसी बैंक ने इस साल मई महीने में अपनी लोन दरों में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। इसके अलावा बैंक ने पिछले महीने भी प्राइम लेंडिंग रेट में बढ़ोतरी का ऐलान किया था। आपको बता दें, एचडीएफसी बैंक का एडजस्टेबल रेट होम लोन बेंचमार्क रेट RPLR से जुड़ा हुआ होता है।
ब्याज बढ़ने से क्या होता है प्रभाव
आपको बता दें, अगर होमलोन पर ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी होती है तो इससे हर प्रकार के लोन महंगे हो जाते हैं। इसके बाद होमलोन की ईएमआई में भी वृद्धि होती है, लेकिन बैंक सीधे तौर पर ईएमआई की रकम नहीं बढ़ाते हैं। इसके लिए वे लोन की अवधि को बढ़ा देते हैं।