Mutual Fund Investment Tips : आज कल ज्यादातर निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं। छोटे निवेशकों के लिए इन्वेस्ट करने का यह एक अच्छा ऑप्शन बन गया है। इसलिए इसमें निवेशकों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हो रहा है। आज करोड़ों की संख्या में लोग SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। इसमें मिल रहा तगड़ा रिटर्न निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। लेकिन यही लोगों की गलती है ज्यादा तगड़े रिटर्न के चक्कर में कई स्कीम ने लोगों का नुकसान भी कराया है।
म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातों की जानकारी होनी चाहिए। अगर आप Mutual Fund में निवेश करते हैं तो निवेश को लेकर आपको स्पष्टता होनी चाहिए। इसके लिए आपको पहले तय करना होगा कि निवेश का मकसद क्या है, कितने समय के लिए और कितना निवेश करना है? इसकी मदद से आप सही फंड का चुनाव कर सकेंगे और अच्छा रिटर्न भी पा सकेंगे।
स्कीम के जोखिम को जानें (Mutual Fund Investment Tips)
म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने से पहले फंड के बारे में जान लें। म्यूचुअल फंड स्कीम, लॉर्ज कैप, मिड कैप या स्मॉल कैप श्रेणी में होता है। इसके साथ ही यह भी पता करें कि आपका पैसा किस स्टॉक में लगाया जा रहा है। बता दें कि मिड-कैप और स्मॉल-कैप में जोखिम ज्यादा होता है। इसलिए सोच समझकर स्कीम को चुनें। इसके अलावा ये भी सुनिश्चित करें कि कहीं फंड मैनेजर स्कीम के पैसे को लो-क्रेडिट इंस्ट्रूमेंट में तो अलॉट नहीं कर रहा है।
खर्चे की दर पता करें
फंड में निवेश करने से पहले अन्य फंड्स के साथ उसके एक्सपेंस रेशियो की तुलना करें। उदाहरण के तौर पर, मिडकैप, लार्ज-कैप, डेट या हाइब्रिड जैसे अपनी पसंद के सेगमेंट से चार या पांच फंड चुनें और फिर फंड के खर्चे की दर की तुलना करें। इसके अलावा अगर आप फंड निकालते हैं तो फंड हाउस आपसे वन टाइम सेल के वक्त कितना कमीशन लेता है, इसके बारे में भी पता करें।
फंड का पिछला प्रदर्शन देखें
किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले उसका ट्रैक रिकॉर्ड देखें। इसके जरिए आप दूसरी स्कीमों से इसकी तुलना कर सकते हैं। मान लीजिए अगर कोई फंड जिसने साल-दर-साल इंडेक्स को पीछे छोड़ा है, तो आप उस पर दांव लगा सकते हैं। हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं है कि अगर पिछला प्रदर्शन अच्छा रहा तो भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करेगा।
अनुभवी फंड मैनेजर का चयन करें
किसी फंड को चुनने से पहले उस फंड का प्रबंधन कौन कर रहा है, इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए। निवेशक आमतौर पर उन फंडों में पैसा लगाते हैं, जिनका प्रबंधन उन फंड मैनेजरों द्वारा किया जाता है जिन्होंने पहले बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान निवेशकों के पैसे का प्रबंधन करने की क्षमता दिखाई है और उथल-पुथल वाले बाजारों के दौरान भी अनुशासन दिखाया है। सक्रिय रूप से प्रबंधित फंडों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
फंड के बारे में अच्छे से जान लें
निवेशक को हमेशा एक ऐसे फंड का चयन करना चाहिए जो उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करे। इसलिए उसे अपने वित्तीय लक्ष्यों के बारे में स्पष्ट होना चाहिए। मान लीजिए, अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए पैसा लगा रहे हैं तो डेट फंड निवेश से बचें। इसी तरह शॉर्ट टर्म में, मान लीजिए आपको अगले तीन वर्षों में भुगतान करना है, तो इक्विटी फंड लेने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि यह बहुत जोखिम भरा हो सकता है। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट करते हुए फंड तैयार करना चाहते हैं तो आप इक्विटी फंड में SIP के जरिए इन्वेस्ट कर सकते हैं।