KYC Latest News : बैंकिंग, इंश्योरेंस, इन्वेस्टमेंट, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय क्षेत्रों के लिए आपको बार-बार केवाईसी करानी होती है। जिसकी वजह से ग्राहक को परेशानी होती है। इसको देखते हुए अब केंद्र सरकार जल्द ही यूनिफॉर्म केवाईसी (KYC) के नियम लागू कर सकती है। इसके तहत बैंक, बीमा से लेकर म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय क्षेत्रों के लिए एक ही केवाईसी (KYC Updates) होगी।
इसके जरिए सरकार वित्तीय सेवाओं को आसान बनाने की कोशिश कर रही है। यह प्रक्रिया लागू होने के बाद कागजी कार्रवाई, समय और लागत को कम किया जा सकेगा। यूनिफॉर्म केवाईसी (KYC) की मदद से सभी वित्तीय कामों के लिए अलग-अलग केवाईसी करवाने की जरूरत खत्म हो जाएगी।
बता दें कि वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (Financial Stability and Development Council, FSDC) ने सरकार को वित्तीय क्षेत्र में एक समान केवाईसी प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव दिया है। ये प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद आपको बार-बार केवाईसी की झंझट से छुटकारा मिलेगा।
क्या होता है KYC?
केवाईसी का मतलब ‘Know your Customer’ यानी ‘अपने ग्राहक को जानें’। इसके लिए बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों की वास्तविक पहचान, इनकम सोर्स और कारोबार से जुड़ी जानकारियों का पता लगाते हैं। कई सेवाओं के लिए केवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें ग्राहक की ओर से दी गई जानकारी को वैध दस्तावेजों द्वारा वेरिफाई किया जाता है।
KYC नियमों को लेकर सरकार ने बनाई समिति
केंद्र सरकार ने समान केवाईसी नियमों पर सिफारिशों के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अगुवाई में विशेषज्ञ समिति बनाई है, जो यूनिफॉर्म केवाईसी को लेकर नियमों का ढांचा तैयार करेगी। FSDC के साथ हाल ही में हुई बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी केवाईसी प्रक्रिया को आसान बनाने का सुझाव दिया था। इससे पहले भी वित्त मंत्री केवाईसी नियमों को आसान बनाने के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन पर जोर देती रही हैं।
एक ही बार रजिस्ट्रेशन
जानकारी के मुताबिक नई प्रक्रिया के तहत अब एक बार केवाईसी दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन होने के बाद सीकेवाईसी पहचान पत्र (CKYC identity card) जारी किया जाएगा। इसमें 14 अंकों की विशेष संख्या होगी।
देश में KYC की मौजूदा व्यवस्था
फिलहाल सभी वित्त क्षेत्रों के लिए अलग-अलग तरीके से केवाईसी करवानी पड़ती है। इसके लिए वर्ष 2016 में सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री का गठन किया गया। इसके जरिए यह प्रक्रिया केंद्रीकृत और आसान बनाई गई। एक बार इसमें रजिस्ट्रेशन के बाद इसी एजेंसी के जरिए अलग-अलग संस्थानों को केवाईसी दस्तावेज जारी किए जाते हैं।