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Tuesday, July 23, 2024
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पुणे पोर्श केस के बाद जागी कानपुर पुलिस, हिट एंड रन केस में नाबालिग को भेजा बाल सुधार गृह

Kanpur News: यूपी की कानपुर पुलिस ने बुधवार को कानपुर के एक जाने-माने डॉक्टर के 15 साल के बेटे को हिट एंड रन केस में हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया। आपको जान कर हैरानी होगी कि पिछले पांच महीनों में उसने दो सड़क हादसे किए हैं, जिनमें दो लोगों की मौत हो गई और चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। अक्टूबर 2023 में हुए एक हादसे के मामले में उसकी कार की टक्कर से दो लोगों की मौत हो गई थी।

इसी साल मार्च में हुए एक अन्य हादसे में चार लोग घायल हो गए थे। इस पूरे मामले में पुलिस आंख बंद किए बैठी थी। हाल ही में पुणे में हुई सड़क दुर्घटना के बाद यह कदम उठाया गया है। गौरतलब है कि पूणे में 17 साल के एक नाबालिग ने तेज रफ्तार कार से बाइक में टक्कर मार दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।

कानपुर पुलिस ने नाबालिग के पिता के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की है, जिन्होंने 26 अक्टूबर के हादसे के बावजूद दोबारा अपने बेटे को गाड़ी चलाने की अनुमति दी थी। इसमें सागर निषाद और आशीष राम चरण की मौत हो गई थी।

स्थानीय पुलिस पर लटकी जांच की तलवार

स्थानीय पुलिस ने दोनों दुर्घटनाओं के बाद भी आरोपी नाबालिग को हिरासत में क्यों नहीं लिया? इसकी भी जांच शुरू कर दी गई है। वरिष्ठ अधिकारियों ने पुणे दुर्घटना पर चर्चा करते समय अक्टूबर में हुए इस मामले की फिर से जांच की। इस साल जनवरी में पदभार ग्रहण करने वाले पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने जांच पर स्टेटस रिपोर्ट का आदेश दिया था। इससे पता चला कि अक्टूबर में हुई मौतों में पहले से शामिल नाबालिग 31 मार्च को शहर के बर्रा क्षेत्र में भी दुर्घटना का कारण बना था। इसके बाद ही तत्काल पुलिस ने कार्रवाई की।

विशेषज्ञों से बात कर तय की जाएगी माता-पिता की जिम्मेदारी

पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया, अक्टूबर 2023 की दुर्घटना में उसकी भूमिका के लिए नाबालिग को जुवेनाइल होम भेज दिया गया है। हमने छह हफ्ते पहले हुए हालिया बर्रा हादसे (जिसमें चार लोग घायल हुए थे) के संबंध में भी कार्रवाई की है। अक्टूबर की दुर्घटना में, पुलिस नाबालिग के उस दोस्त के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी, जिसकी कार वह चला रहा था। अखिल कुमार का कहना था कि दोनों मामलों में नाबालिग के माता-पिता की जिम्मेदारी तय करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श किया जा रहा है।

घटना के बाद मौके से फरार नाबालिग

पहली दुर्घटना के बावजूद, परिवार ने नाबालिग को फिर से गाड़ी चलाने की अनुमति दी थी जिससे दूसरी कार दुर्घटना हुई। मार्च की दुर्घटना के बाद, लड़का घटनास्थल से फरार हो गया था और अपने पिता के नाम पर दर्ज सियाज कार को छोड़ गया था। बर्रा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह ने पुष्टि की कि पूरी दुर्घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।

पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया की भी होगी जांच

अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि स्थानीय अधिकारियों ने दोनों मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं की। अक्टूबर का मामला नवाबगंज थाने के अधीन हुआ था, जबकि मार्च की दुर्घटना बर्रा थाने के अधीन थी। सूत्रों का कहना है कि पहले मामले में किसी स्थानीय नेता ने नाबालिग की ओर से हस्तक्षेप किया होगा। दूसरे मामले में स्थानीय पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया की भी जांच की जा रही है।

नवाबगंज थाने के इंस्पेक्टर दीनानाथ मिश्रा ने बताया, अक्टूबर की दुर्घटना के बाद, आईपीसी की धारा 304-ए (लापरवाही से मौत का कारण बनना) के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर धारा 304 (जघन्य हत्या के अपराध को छोड़कर हत्या) कर दिया गया है।

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