CBSE Exam: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (CBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्र की शैली में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। यह बदलाव नई शिक्षा नीति 2020 के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों के सोचने-समझने के कौशल का आकलन करना है। फरवरी 2025 से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में यह नया पैटर्न लागू किया जाएगा, जिसमें अब डिस्क्रिप्टिव प्रश्नों के मुकाबले अधिक ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाएंगे।
CBSE के विशेषज्ञों के अनुसार, इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य छात्रों को किताबों से बाहर सोचने के लिए प्रेरित करना और वास्तविक जीवन की समस्याओं के समाधान के लिए उनकी क्षमता का मूल्यांकन करना है। नए पैटर्न में बहुविकल्पीय (MCQs), प्रतिक्रिया आधारित, रीजनिंग, केस स्टडी और श्रोत-आधारित प्रश्न शामिल होंगे। इसके अलावा, परीक्षा में योग्यता आधारित (कॉम्पिटेंसी) प्रश्नों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
डॉ. सुशील द्विवेदी, केंद्रीय विद्यालय अलीगंज के शिक्षक, ने बताया कि पहले कक्षा 10वीं के लिए योग्यता आधारित प्रश्नों का प्रतिशत 40% और कक्षा 12वीं के लिए 30% था, लेकिन अब कक्षा 10वीं में यह बढ़कर 50% और कक्षा 12वीं में 40% हो गया है। इसका मतलब है कि छात्र अब अधिक सोच-समझकर और व्यावहारिक दृष्टिकोण से उत्तर देंगे।
इसके अलावा, नए CBSE प्रश्नों में छात्रों को किसी विशेष परिस्थिति का सामना कराया जाएगा, और उन्हें यह बताने को कहा जाएगा कि वे उस स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देंगे या समाधान देंगे। इससे छात्रों को वास्तविक जीवन में ज्ञान को लागू करने का अवसर मिलेगा।
VIVO Y200+ स्मार्टफोन लॉन्च, जानिए इसके खास फीचर्स
इस बदलाव के लिए छात्रों को अपनी तैयारी में कुछ बदलाव करने होंगे। उन्हें सभी विषयों को गहराई से समझने और पूरी तरह से अध्ययन करने की जरूरत होगी। साथ ही, उन्हें विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है, ताकि वे परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकें।
इस बदलाव का उद्देश्य CBSE बोर्ड परीक्षा के दबाव को कम करना और छात्रों को अधिक सोचने-समझने की क्षमता के साथ तैयार करना है। सीबीएसई द्वारा यह पहल छात्रों को उनकी वास्तविक क्षमता का प्रदर्शन करने का मौका देती है।