Raya Heritage City: मथुरा में राया हेरिटेज सिटी बनाने की योजना अब तेजी से आगे बढ़ रही है। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने मथुरा में अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोल दिया है। अथॉरिटी का यह नया ऑफिस गीता शोध संस्थान परिसर में शुरू किया गया है, जहां यीडा की टीम अब नियमित रूप से काम करेगी। इस टीम में ओएसडी, एक तहसीलदार, एक कानूनगो और चार लेखपालों की नियुक्ति की गई है, जो जमीन अधिग्रहण से लेकर अन्य प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करने का काम करेंगे।
यमुना अथॉरिटी राया हेरिटेज सिटी के लिए किसानों से सीधे जमीन खरीद रही है। पहले चरण में अथॉरिटी ने 200 एकड़ जमीन खरीदने का लक्ष्य तय किया है। इसमें से अब तक 137 एकड़ जमीन के लिए किसानों की सहमति मिल चुकी है। बाकी जमीन के लिए भी बातचीत जारी है। अथॉरिटी जुलाई में इस परियोजना के लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी करने की तैयारी कर रही है ताकि निर्माण प्रक्रिया को समय पर शुरू किया जा सके।
Raya Heritage City मथुरा के मास्टरप्लान 2031 (फेज-2) के तहत विकसित की जा रही है। इस परियोजना के लिए कुल 735 एकड़ जमीन तय की गई है। योजना के अनुसार अगस्त या सितंबर 2025 में इस हेरिटेज सिटी की नींव रखी जाएगी। यह प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा होगा। पहले दो चरणों में 3-3 साल और तीसरे चरण में 4 साल लगने की संभावना है।
इस Raya Heritage City का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत किया जाएगा। सीबीआरई द्वारा तैयार की गई परियोजना की डीपीआर को बिड इवैल्यूशन कमिटी की बैठक में मंजूरी भी मिल चुकी है। इस पूरे प्रोजेक्ट में कुल 12 गांव शामिल होंगे। फिलहाल पिपरौली खादर और जहांगीरपुर खादर गांवों में जमीन खरीदने का काम चल रहा है।
राया हेरिटेज सिटी के निर्माण में लगभग 1220 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यमुना अथॉरिटी की मथुरा में मौजूदगी से इस पूरे प्रोजेक्ट में तेजी आने की उम्मीद है। यह सिटी मथुरा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और आने वाले समय में इसे एक बड़े पर्यटन और आवासीय केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा।